कोलकाता, 26 नवंबर (आईएएनएस)। कई मुद्दों पर अपनी पार्टी से नाराज चल रहे मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने आईएएनएस से बात करते हुए पार्टी आलाकमान पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि विधायक होने के बावजूद उन्हें वो सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसके वो हकदार हैं।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “कल जो मीटिंग ममता बनर्जी ने बुलाई थी, वैसी मीटिंग दो साल पहले 2022 में भी हुई थी। यह बिल्कुल सही है, लेकिन मुझे इस पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। नेतृत्व की ओर से जो निर्णय लिया गया, वह सही होगा। अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में नंबर 2 हैं, और ममता बनर्जी के चार सदस्यीय जनरल सेक्रेटरी पैनल में अभिषेक बनर्जी भी हैं। जहां तक जिला नेतृत्व की बात है, जो लोग आधिकारिक रूप से नेतृत्व कर रहे हैं, वे मुझे न तो बुलाते हैं और न ही मेरी बात सुनते हैं। जब पार्टी की मीटिंग होती है, जैसे दुर्गा पूजा के समय, तो मुझे कोई भी विधायक नहीं बुलाता। ये सब अपनी मर्जी से चल रहा है, और इसलिए मुझे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जाता।”
उन्होंने कहा, “मेरे सांसद भी बिना मुझे बताए मेरे क्षेत्र में जा रहे हैं, जबकि मैंने उनके लिए बहुत मेहनत की थी। ममता बनर्जी के आदेश पर सांसद मेरे क्षेत्र में जाते हैं, लेकिन मुझे साथ नहीं लिया जाता। यह क्या सिस्टम है? इसलिए मैं इस मुद्दे को उठाता हूं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या कहते हैं, लेकिन मुर्शिदाबाद में फैयाद हकीम और कोल्लन बनर्जी की कोई बात नहीं चलेगी। वहां हुमायूं कबीर की बात ही चलेगी। मुर्शिदाबाद में जो लोग मुस्लिम समुदाय की संपत्ति और जमीन के खिलाफ काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ हमें आंदोलन करना होगा। तृणमूल कांग्रेस और आम जनता दोनों इस मामले में लड़ाई लड़ रहे हैं। जो लोग उल्टी-सीधी बात करते हैं, उनके खिलाफ हमें खड़ा होना होगा। अगर जरूरत पड़ी तो अदालत में भी लड़ाई लड़ी जाएगी और सड़कों पर भी विरोध होगा। मैं वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ अपनी पार्टी के रुख का समर्थन करता हूं।”
–आईएएनएस
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