अमरावती, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दफ्तर पर 2021 में हुए हमले के मुख्य आरोपी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के मंगलागिरी की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की स्टूडेंट विंग के अध्यक्ष पानुगंती चैतन्य को वाईएसआरसीपी एमएलसी एल. अप्पी रेड्डी का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है, जो इस मामले में आरोपी भी हैं।
जून में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से चैतन्य कथित तौर पर फरार था। राज्य सरकार की ओर से मामले को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपने के फैसले के एक दिन बाद उसने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
इस बीच, कुछ तकनीकी कारणों से मामले को सीआईडी को सौंपने में हुई देरी को देखते हुए पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी है। वाईएसआरसीपी के तीन नेता सोमवार को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश हुए।
मंगलगिरी थाने में पुलिस ने अप्पी रेड्डी, डी. अविनाश और टी. रघुराम से दो घंटे तक पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों ने हमले में शामिल लोगों की तस्वीरें दिखाकर आरोपियों से पूछताछ की। हालांकि, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे उन्हें नहीं जानते।
सरकार ने रविवार को 2021 में टीडीपी दफ्तर और एन. चंद्रबाबू नायडू के आवास पर हुए हमले से संबंधित मामलों को सीआईडी को सौंपने का फैसला किया।
19 अक्टूबर 2021 को वाईएसआरसीपी के समर्थकों ने टीडीपी कार्यालय पर हमला किया था। हमले का कारण टीडीपी के प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी द्वारा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना था। वाईएसआरसीपी समर्थकों ने टीडीपी दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। टीडीपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि लाठी-डंडों और हथौड़ों से लैस हमलावरों ने दफ्तर के बाहर खड़ी कारों को भी नुकसान पहुंचाया था।
सितंबर 2021 में, कुछ वाईएसआरसीपी समर्थकों ने कथित तौर पर टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के आवास पर भी हमला किया था।
इस वर्ष जून में टीडीपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सत्ता में आने के बाद पुलिस ने दोनों मामलों में नए सिरे से जांच शुरू की थी। टीडीपी दफ्तर पर हमले के मामले में पूर्व वाईएसआरसीपी एमएलसी नंदीगाम सुरेश, एमएलसी एलए. रेड्डी, टी. रघुराम और पार्टी नेता देवीनेनी अविनाश का नाम भी शामिल है।
पिछले महीने पुलिस ने पूर्व सांसद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता नंदीगाम सुरेश को गिरफ्तार किया था। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी और अन्य नेताओं की दायर अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया।
–आईएएनएस
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