अमरावती, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को केंद्र सरकार से राज्य में भारी नुकसान पहुंचाने वाले चक्रवात मिचौंग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में नायडू ने कहा, ”चक्रवात ने राज्य में बड़ी तबाही मचाई। इसके कारण छह लोगों की जान चली गई और कम से कम 15 जिलों में कई लाख लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शुरुआती आकलन में 22 लाख एकड़ में फसल के नुकसान के साथ 10,000 करोड़ रुपये की भारी क्षति का संकेत मिला है।”
पूर्व सीएम चंद्रबाबू ने कहा कि मवेशियों, पशुधन और पेड़ों की भी महत्वपूर्ण हानि हुई है। जबकि बुनियादी ढांचे पर प्रभाव चिंताजनक है और लगभग 770 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पेयजल, सिंचाई और बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं पर भारी असर पड़ा है।
कृषि और मछली पकड़ने जैसे प्रमुख क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि फसल के नुकसान के कारण चार किसानों ने अपनी जान ले ली है। मछली पकड़ने वाले समुदायों ने नावें, जाल और अपनी आजीविका के साधन खो दिए हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ”इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह मानते हुए कि चक्रवात का प्रभाव केवल आंध्र प्रदेश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उसने पड़ोसी तमिलनाडु को भी प्रभावित किया है, इसलिए मैं मिचौंग चक्रवात को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रहपूर्वक अनुरोध करता हूं।
टीडीपी सुप्रीमो ने यह भी अनुरोध किया कि भारत सरकार चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम भेजे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से तत्काल राहत प्रयासों और लचीले दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे की स्थापना दोनों के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, इस तरह की घोषणा से पीड़ितों में आत्मविश्वास पैदा होगा, जो इस आपदा से उत्पन्न चुनौतियों के खिलाफ एकजुट होने का संकेत देगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
अमरावती, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को केंद्र सरकार से राज्य में भारी नुकसान पहुंचाने वाले चक्रवात मिचौंग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में नायडू ने कहा, ”चक्रवात ने राज्य में बड़ी तबाही मचाई। इसके कारण छह लोगों की जान चली गई और कम से कम 15 जिलों में कई लाख लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शुरुआती आकलन में 22 लाख एकड़ में फसल के नुकसान के साथ 10,000 करोड़ रुपये की भारी क्षति का संकेत मिला है।”
पूर्व सीएम चंद्रबाबू ने कहा कि मवेशियों, पशुधन और पेड़ों की भी महत्वपूर्ण हानि हुई है। जबकि बुनियादी ढांचे पर प्रभाव चिंताजनक है और लगभग 770 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पेयजल, सिंचाई और बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं पर भारी असर पड़ा है।
कृषि और मछली पकड़ने जैसे प्रमुख क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि फसल के नुकसान के कारण चार किसानों ने अपनी जान ले ली है। मछली पकड़ने वाले समुदायों ने नावें, जाल और अपनी आजीविका के साधन खो दिए हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ”इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह मानते हुए कि चक्रवात का प्रभाव केवल आंध्र प्रदेश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उसने पड़ोसी तमिलनाडु को भी प्रभावित किया है, इसलिए मैं मिचौंग चक्रवात को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रहपूर्वक अनुरोध करता हूं।
टीडीपी सुप्रीमो ने यह भी अनुरोध किया कि भारत सरकार चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम भेजे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से तत्काल राहत प्रयासों और लचीले दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे की स्थापना दोनों के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, इस तरह की घोषणा से पीड़ितों में आत्मविश्वास पैदा होगा, जो इस आपदा से उत्पन्न चुनौतियों के खिलाफ एकजुट होने का संकेत देगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी