बेंगलुरु, 16 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के उच्च शिक्षा, आईटी, बीटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण के खिलाफ गुरुवार को विपक्षी नेता सिद्धारमैया को खत्म करने के वाले विवादास्पद बयान को लेकर दो पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं।
मंत्री नारायण ने मांड्या जिले के सतनूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, सिद्धारमैया टीपू सुल्तान (मैसूर के पूर्व शासक) के स्थान पर आएंगे। क्या आप वीर सावरकर या टीपू सुल्तान चाहते हैं? आपको फैसला करना होगा। आप जानते हैं कि उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा (टीपू सुल्तान से लड़ने वाले सैनिकों) ने टीपू सुल्तान के साथ क्या किया। इसी तरह उन्हें (सिद्धारमैया) को खत्म कर देना चाहिए। इस बयान से राज्य में विवाद छिड़ गया।
कांग्रेस नेता मनोहर और अन्य ने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और मांग की है कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाए।
सिद्धारमैया फैन एसोसिएशन ने उनके खिलाफ हुबली शहर के गोकुल रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पुलिस ने शिकायतों को स्वीकार कर जांच में लिया है।
मैसूरु में कांग्रेस इकाई ने अश्वथ नारायण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उनके बयान की निंदा करते हुए उनका पुतला फूंका।
इस बीच, चल रहे विधानसभा सत्र में विवाद खड़ा हो गया, क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने इस संबंध में मंत्री अश्वथ नारायण द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का विरोध किया। हालांकि अश्वथ नारायण ने विधानसभा में अपने बयान पर खेद व्यक्त किया, लेकिन उनके बयान का बचाव करने के उनके प्रयास से कांग्रेस विधायक नाराज हो गए।
कांग्रेस विधायक सदन के वेल में आ गए और विरोध करने लगे। अराजक माहौल को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायक यू.टी. खादर ने शून्य काल में यह मुद्दा उठाया, जिस पर अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने आपत्ति जताई। लेकिन खादर ने मांग की, कि पुलिस को स्वत: संज्ञान लेकर मामले दर्ज करने चाहिए और समाज को संदेश देने के लिए कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।
पिछले एक महीने से नफरत भरे भाषण दिए जा रहे हैं। उल्लाल और तुमकुरु में भड़काऊ बयान जारी किए जाते हैं। इसका कोई अंत होना चाहिए। मंत्री अश्वथ नारायण डॉक्टर हैं।
अपने बचाव में मंत्री अश्वथ नारायण ने कहा, उन्होंने सिद्धारमैया की तुलना टीपू सुल्तान से की थी। मैंने टीपू सुल्तान के प्रति सिद्धारमैया के प्यार के बारे में बात की है। मैंने उनके बारे में अपमानजनक बात नहीं की है। मैंने कांग्रेस पार्टी को हराने का आह्वान किया है। मेरी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। यह एक वैचारिक अंतर है। अगर उन्हें ठेस पहुंची है तो मैं उनसे माफी मांगता हूं।
कांग्रेस विधायकों ने जोर देकर कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और विरोध किया। अध्यक्ष कागेरी ने हस्तक्षेप किया और कांग्रेस नेताओं को चेतावनी दी कि वह उन्हें विधानसभा सत्र से बाहर कर देंगे। इससे नाराज कांग्रेस नेताओं ने वेल में आकर धरना दिया।
–आईएएनएस
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