रांची, 9 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपी पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम की जमानत अर्जी रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने खारिज कर दी है।
आलमगीर आलम को ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। आलमगीर आलम ने 19 जुलाई को जमानत की गुहार लगाते हुए पीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ एजेंसी के पास ठोस सबूत नहीं हैं। उन्हें सिर्फ दूसरे आरोपियों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
आलम की याचिका पर बुधवार को उनकी ओर से दलीलें पेश की गई थीं। गुरुवार को ईडी ने इस मामले में अपना पक्ष रखा। बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक ने आलमगीर आलम को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताते हुए जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया।
शुक्रवार को फर्स्ट हाफ में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। दूसरे हाफ में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी।
बता दें कि इस केस में आलमगीर आलम के ओएसडी रहे संजीव लाल और उसके सहयोगी जहांगीर आलम की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। इनके ठिकानों से एजेंसी ने 35 करोड़ रुपए से ज्यादा नकद राशि बरामद की थी।
हेमंत सोरेन और उसके बाद चंपई सोरेन की कैबिनेट में आलमगीर आलम नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री होते थे। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी थे। जेल जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इन दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया था।
–आईएएनएस
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