वाशिंगटन, 15 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेक्सास में एक भारतीय नागरिक की हत्या मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोपी के खिलाफ ‘न्याय की पूरी सीमा तक’ मुकदमा चलाने का वादा किया। हत्यारे पर ‘प्रथम श्रेणी की हत्या का आरोप’ लगाया जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, “मुझे टेक्सास के डलास में प्रतिष्ठित व्यक्ति चंद्र नागमल्लैया की हत्या से जुड़ी भयावह खबरों की जानकारी है। उनकी पत्नी और बेटे के सामने, क्यूबा से आए एक अवैध विदेशी ने, जिसे हमारे देश में कभी होना ही नहीं चाहिए था, बेरहमी से उनका सिर काट दिया।”
उन्होंने हत्या के आरोपियों को छोड़ने के लिए पहले के बाइडेन प्रशासन को भी दोषी ठहराया।
ट्रंप ने कहा, “इस व्यक्ति को पहले भी बाल यौन शोषण, कार चोरी जैसे अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अक्षम जो बाइडेन के कार्यकाल में उसे हमारी मातृभूमि में वापस छोड़ दिया गया क्योंकि क्यूबा ऐसे दुष्ट व्यक्ति को अपने देश में नहीं चाहता था। निश्चिंत रहें, मेरे शासन में इन अवैध अप्रवासी अपराधियों के प्रति नरमी बरतने का समय अब खत्म हो गया है।”
10 सितंबर को 41 वर्षीय नागमल्लैया पर टेक्सास के डलास के एक मोटल में जानलेवा हमला किया गया और उनका सिर काट दिया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने 37 वर्षीय मार्टिनेज को गिरफ्तार किया। उस पर नागमल्लैया का सिर काटने और उसे कूड़ेदान में छोड़ने के गंभीर आरोप हैं।
सोशल मीडिया पर सामने आए एक विचलित करने वाले वीडियो में मार्टिनेज को एक कुल्हाड़ी लेकर पीड़ित का पीछा और हमला करते दिखाया गया। वीडियो से पता चला कि आरोपी ने नागमल्लैया का सिर धड़ से अलग कर दिया। फिर पीड़ित के सिर को मोटल की पार्किंग में लात मारी और कूड़ेदान में फेंक दिया।
इसी बीच अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने घोषणा की कि आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने हमलावर को देश से ‘निकालने’ की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएचएस की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघली ने बाइडेन प्रशासन पर बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को देश में आने देने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “एक मोटल में पीड़ित की यह वीभत्स और बर्बर हत्या पूरी तरह से रोकी जा सकती थी, अगर बाइडेन प्रशासन के समय इस अवैध विदेशी को हमारे देश में नहीं छोड़ा जाता।”
डीएचएस के अनुसार, मार्टिनेज ब्लूबोनेट डिटेंशन सेंटर में आईसीई डलास की हिरासत में था, जब तक कि उसे बाइडेन प्रशासन के तहत 13 जनवरी, 2025 को पर्यवेक्षण आदेश पर रिहा नहीं कर दिया गया।
–आईएएनएस
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