नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कश्मीरी बिजनेसमैन जहूर अहमद शाह वटाली की उस याचिका पर सुनवाई के लिए 3 अगस्त की तारीख तय की, जिसमें निचली अदालत द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वटाली को 2017 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ ने एजेंसी को मामले में जवाब दाखिल करने का समय दिया और इसे अगस्त में सुनवाई के लिए अन्य संबंधित मामलों के साथ मिला दिया। इससे पहले इसी पीठ ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया था।
एनआईए ने आरोप लगाया था कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से घाटी में नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके हिंसा को अंजाम दिया।
मई 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने 2017 में कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में वटाली और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।
यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद, एचएम प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।
मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, फारूक अहमद डार, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा महराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, वटाली, शब्बीर अहमद शाह, मसरत आलम, अब्दुल रशीद शेख और नवल किशोर कपूर भी मामले में आरोपित किया गया था।
जेकेएलएफ के नेता मलिक को आरोपों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
–आईएएनएस
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