कोलकाता, 25 मार्च (आईएएनएस)। सीबीआई ने ओएमआर शीट बनाने वाली इकाई के एक शीर्ष अधिकारी को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विभिन्न परीक्षाओं में कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई ओएमआर शीट की संख्या के बारे में जानकारी मिली है।
ये परीक्षाएं वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा आयोजित की गई थीं। सूत्रों के मुताबिक, ओएमआर शीट बनाने वाली इकाई एनवाईएसए के उपाध्यक्ष नीलाद्रि दास से पूछताछ के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने 8,163 ओएमआर शीट के बारे में जानकारी हासिल की है, जिसमें अयोग्य उम्मीदवारों के लिए जगह बनाने के लिए कथित रूप से छेड़छाड़ की गई थी।
सूत्रों ने सीबीआई के अधिकारियों का हवाला देते हुए दावा किया कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों के मामले में 6,304 ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई, जिसमें 3,481 ग्रुप-डी पद और 2,823 ग्रुप-सी पद शामिल हैं।
शिक्षण कर्मचारियों के मामले में कुल 1,859 ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई गई। जिनमें से 952 माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए थीं, जबकि शेष 907 उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए थीं।
सीबीआई के एक सहयोगी ने कहा, हमारे अधिकारी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ओएमआर शीट में इस छेड़छाड़ से दास को आर्थिक रूप से कैसे फायदा हुआ। दास फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं और केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं।
इस बीच, यह पता चला है कि यह पहली बार नहीं है जब दास को गिरफ्तार किया गया है। मार्च 2019 में पूर्वी मिदनापुर जिले में उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के बाद जालसाजी के एक मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय एजेंसी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि डब्ल्यूबीएसएससी के साथ दास का संबंध आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य के माध्यम से था।
–आईएएनएस
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