नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में मंगलवार को कहा गया कि 5जी सेवाओं की शुरुआत नए आर्थिक अवसरों को खोल सकती है और देश को विकास के लिए पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के ²ष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि 5जी उपभोक्ताओं को उच्च डेटा ट्रांसफर गति और कम विलंबता के माध्यम से सीधे प्रभावित कर सकता है, और शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रमिक सुरक्षा और स्मार्ट कृषि में टेलीकॉम और स्टार्ट-अप द्वारा विकसित मामलों का उपयोग अब पूरे देश में किया जा रहा है।
इसमें कहा गया, डिजिटलीकरण की व्यापक लहर, स्मार्टफोन की बढ़ती पैठ और प्रौद्योगिकी को अपनाने ने पारंपरिक और नए युग दोनों क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।
वर्तमान में, रिलायंस जियो और एयरटेल जैसे टेलीकॉम देश भर में तेजी से 5जी सेवाएं शुरू कर रहे हैं।
रिलायंस जियो ने मंगलवार को 34 अतिरिक्त शहरों में अपनी ट्र 5जी सेवाओं की शुरूआत की घोषणा की। इसके साथ, 225 शहरों में जियो उपयोगकर्ता अब जियो ट्र 5जी सेवाओं का आनंद ले रहे हैं।
हालाँकि, आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, यात्रा अभी पूरी नहीं हुई है और इसकी वास्तविक क्षमता का एहसास करने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
नेशनल फ्ऱीक्वेंसी एलोकेशन प्लान 2022 (एनएफएपी) एक व्यापक नियामक ढांचा प्रदान करता है, जो यह पहचानता है कि सेलुलर मोबाइल सेवाओं, वाई-फाई, साउंड और टेलीविजन प्रसारण, विमान और जहाजों के लिए रेडियो नेविगेशन और अन्य वायरलेस संचार के लिए कौन से फ्ऱीक्वेंसी बैंड उपलब्ध हैं।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, भारत में वर्तमान में 5जी के लिए लगभग 35 प्रतिशत टावर फाइबरयुक्त हैं और बैकहॉल इंफ्रास्ट्रक्च र पर अगले 4-5 वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
–आईएएनएस
एसकेके/एएनएम