नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) डिजिटल ऋणों के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा पुनर्भुगतान विधि के रूप में उभरा है, जबकि एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प है। गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
एआई-आधारित वित्तीय वेलनेस मंच सीएएसएच के अनुसार, लगभग 84 प्रतिशत मिलेनियल्स पर्सनल लोन्स (14 प्रतिशत) और बाय नाओ, पेय लेटर (बीएनपीएल) (2 प्रतिशत) पर क्रेडिट लाइन पसंद करते हैं।
सीएएसएच के संस्थापक और अध्यक्ष वी. रमन कुमार ने कहा, रिपोर्ट 5,40,000 से अधिक मिलेनियल्स को कवर करने वाले डेटा के एक बड़े नमूने तक पहुंच प्रदान करती है। यहां प्रदान की गई इनसाइट्स नीति निर्माताओं, वित्तीय संस्थानों और शोधकर्ताओं के लिए 125 मिलियन से अधिक लोगों के उधार लेने, खर्च करने और बचत करने की आदतों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मूल्यवान हैं।
इसके अलावा, निष्कर्षों से पता चला है कि 10,000 रुपये से कम के लोन (शॉर्ट-टर्म, छोटे टिकट आकार के ऋण) युवा लोगों के 49 प्रतिशत द्वारा पसंद किए गए।
खरीदारी, घर का नवीनीकरण, शिक्षा आदि के बाद शॉर्ट-टर्म डिजिटल क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए अप्रत्याशित चिकित्सा और मासिक खर्च शीर्ष दो कारण हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु क्रेडिट मांग के लिए भारत के सभी शहरों का नेतृत्व करता है, उसके बाद नंबर आता है हैदराबाद, पुणे, गाजियाबाद और गुरुग्राम का।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि 68 प्रतिशत युवा निवेश निर्णय लेने के लिए वित्तीय सलाहकारों से सहायता चाहते हैं।
हालांकि, युवाओं के 45 प्रतिशत निवेश निर्णय लेने के लिए सोशल मीडिया को एक प्रमुख स्रोत के रूप में मानते हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लगभग 37 प्रतिशत युवा अभी भी कुछ हद तक अपने माता-पिता पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं, लेकिन 63 प्रतिशत आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं।
युवाओं के 33 प्रतिशत से अधिक ने कहा कि वे सेवानिवृत्ति के लिए वित्तीय रूप से सुरक्षित होने के लिए अपनी वार्षिक आय का 20 प्रतिशत बचाने में विश्वास करते हैं।
–आईएएनएस
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