छतरपुर. किसान को समय पर खाद न मिल पाए तो इसका असर फसल पर पड़ता हैं. खाद के लिए समूचे प्रदेश में छाई तंगी का असर ये हैं कि कहीं खाद के लिए लोग सुबह से शाम तक भूखे प्यासे लाइन में लगे रहते हैं तो कहीं विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ कर कतारों में लगे रहते हैं. विद्यार्थी ही नहीं किसानों के घरों के बुजुर्ग भी अपनी पीड़ा भूल इन कतारों में लगने विवश हैं. इसके बावजूद आलम ये हैं कि दिन-भर कतारों में अपनी बारी की प्रतीक्षा के बाद शाम को उन्हें दूसरे दिन की आने की बात कहकर भगा दिया जा रहा है. प्रदेश के अन्य जिलों के साथ छतरपुर जिले में इन दिनों किसान खाद की समस्या से कुछ ज्यादा ही परेशान हैं.
खाद के लिए कई दिनों से वेयर हाउस के चक्कर लगा रहे हैं. खाद के लिए सुबह से शाम तक भूखे प्यासे लाइन में लगे रहते हैं. शाम को उन्हें दूसरे दिन की बात कहकर भगा दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला शहर के पन्ना रोड वेयर हाउस से देखने को मिला है. जहां डीएपी खाद की समस्या से परेशान किसान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक लाइन में खड़े दिखाई दिए हैं. इनमें कुछ महिलाएं थी, जो अपना घर का काम और बच्चे छोड़कर खाद के लिए लाइन में लगी थी. कुछ स्कूल के बच्चे भी लाइन में लगे थे, जो अपना स्कूल छोड़कर अपने माता-पिता की खेती में मदद करने के लिए लाइन में लगे हैं.
पीने के पानी तक की नहीं व्यवस्था
एक किसान ने बताया कि खेती के लिए खाद की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए सुबह किराए से ट्रैक्टर लेकर खाद लेने के लिए आए लेकिन शाम चार बजे जहां टोकन दिया गया है इसके बावजूद खाद नहीं मिल पाया. अन्य किसानों ने भी बताया कि वे भूखे प्यासे कतारों में लगे हैं. पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हंै. उनका कहना है कि तीन दिनों से खाद के लिए चक्कर लगा रहे हैं. वेयर हाउस वाले एक एकड़ पर एक बोरी खाद दे रहे हैं. उसमें एक खाद की बोतल भी डालने के लिए दे रहे हैं.
बुवाई के समय नहीं मिल पा रही खाद
किसानों ने बताया कि अगर खाद समय पर नहीं मिली तो इसका असर खेती पर पड़ेगा. फसल की बुवाई समय पर नहीं होगी तो फसल कम निकलेगी. कतारों में खड़े छात्रों ने बताया कि वे 12वीं क्लास में पढ़ाई करते हैं. परिजनों के फोन आते ही वे सुबह से स्कूल न जाकर यहां कतारों में आकर लग गए. छात्रों ने बताया कि वर्तमान में पढ़ाई से ज्यादा खाद लेना जरूरी हैं. छात्र सुबह से शाम तक कतार में लगे रहें लेकिन अंतत: उन्हें खाद नहीं मिल पाई. छात्रों ने बताया कि यदि वे खाद नहीं लेंगे तो फसल कैसे बोयी जाएगी और फिर उसके पिता पढ़ाई के लिए पैसा कैसे देंगे.
जल्द उपलब्धता का दिया आश्वासन
छतरपुर के जिला विपणन अधिकारी अभिषेक जैन ने जहाँ खाद के संकट पर अनभिज्ञता जताई वहीं कृषि अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार वैद्य ने बताया कि जिले में पर्याप्त खाद है. अगर कहीं खाद की मात्रा कम है तो एक-दो दिन में खाद की रैक आने वाली है, वहां पर खाद भिजवा दी जाएगी. सभी किसानों को खाद समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है.