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Home ताज़ा समाचार

डीए बकाया : 9 मार्च को हड़ताल पर जाएंगे बंगाल सरकार के कर्मचारी

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February 22, 2023
in ताज़ा समाचार
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डीए बकाया : 9 मार्च को हड़ताल पर जाएंगे बंगाल सरकार के कर्मचारी
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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

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उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो दिनों से पेन-डाउन हड़ताल के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब 9 मार्च को राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। ये कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ते के बकाए के भुगतान की मांग कर रहे हैं।

मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

–आईएएनएस

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मंच के एक प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल के लिए नौ मार्च का दिन जानबूझकर चुना गया है, तब तक पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) द्वारा आयोजित परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।

उन्होंने कहा, हमें अपने आंदोलन में लोगों के एक बड़े समर्थन की आवश्यकता है जो हमें पहले से ही मिल रहा है। हम नहीं चाहते कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोई असुविधा हो। यही कारण है कि हमने सभी आपातकालीन सेवाओं को 9 मार्च की हड़ताल के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया है।

सोमवार और मंगलवार को, राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में रिपोर्ट की और अपनी उपस्थिति दर्ज की, लेकिन अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से परहेज किया, जिसके चलते सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ।

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के कोर्ट क्लर्कों और कोर्ट अधिकारियों ने भी पेन-डाउन हड़ताल में भाग लिया, जिससे सामान्य सुनवाई प्रक्रिया बाधित हुई।

हालांकि, 9 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल के अधिक परिमाण देखने को मिलेंगे, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि राज्य सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संयुक्त मंच के प्रतिनिधि ने कहा, हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

इस बीच, उन्होंने कहा, राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।

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