कोलकाता, 25 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान नहीं करने के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने शनिवार को अन्य प्रकार के विरोध प्रदर्शनों को जारी रखते हुए रिले अनशन वापस ले लिया है।
हालांकि, मंच के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि केवल रिले अनशन वापस लिया गया है और वह भी अस्थायी रूप से, जबकि राज्य सरकार के साथ असहयोग सहित अन्य प्रकार के विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
संयुक्त मंच के प्रवक्ता तापस चक्रवर्ती के अनुसार, रिले अनशन आंदोलन को वापस लेने का निर्णय कई प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने के बाद लिया गया है, जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
उन्होंने कहा, कई लोग गुर्दे की समस्या से पीड़ित थे। इसलिए, उभरती हुई स्थिति को देखते हुए हमने हड़ताल को अस्थायी रूप से वापस लेने का फैसला किया है।
हालांकि, एक अन्य आंदोलनकारी तापस सिन्हा ने कहा कि अनशन आंदोलन शुरू होने के 44 दिन बाद वापस लेने का फैसला अस्थायी है और अगर जरूरत पड़ी तो वे भविष्य में इसी तरह का आंदोलन शुरू करेंगे।
संयुक्त मंच ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे 30 मार्च को सामूहिक अवकाश पर जाएंगे और उसी दिन कोलकाता की सड़कों पर एक विशाल विरोध रैली आयोजित करेंगे।
वहीं, मंच 10 अप्रैल से नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगा। राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा महंगाई भत्ते मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ पहले से ही डिजिटल असहयोग आंदोलन का प्रदर्शन किया जा रहा है।
एक दिवसीय हड़ताल में भाग लेने वाले राज्य सरकार के कुछ कर्मचारियों को पहले ही कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में डीए मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण सुनवाई 11 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई थी।
–आईएएनएस
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