नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने संरचना शुल्क लगाने के संबंध में सभी पीआरसी (नीति छूट समिति) के फैसलों को लागू करने के लिए संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है।
डीजीएफटी ने उन मामलों के लिए कम कंपोजीशन शुल्क का लाभ बढ़ाया है। उसने ईओपी (निर्यात दायित्व अवधि) में विस्तार या पहले से किए गए निर्यात के नियमितीकरण की अनुमति दी है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, प्रक्रिया को सरल और अधिक समझने योग्य बनाने का प्रयास करके कंपोजीशन शुल्क गणना के युक्तिकरण स्वचालन और सेवाओं के त्वरित वितरण में सहायता करता है।
संशोधित कंपोजीशन शुल्क मॉडल, जो प्राधिकरण के सीआईएफ मूल्य के विभिन्न स्तरों के लिए एक विशिष्ट दर पर आधारित है, कम जटिल और गणना करने में सरल है। यह कम से कम मानव हस्तक्षेप के साथ अनुपालन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में सहायता करेगा, विसंगतियों और भ्रम के जोखिम को भी कम करेगा।
प्रक्रिया को स्वचालित करने से मैन्युअल गणना और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता को कम करके तेजी से सेवा वितरण होगा। इस पहल का उद्देश्य सभी पीआरसी निर्णयों को लागू करने के लिए एक समान और पारदर्शी प्रणाली को एकीकृत करना है, जिसमें निर्यात दायित्व अवधि (ईओपी) बढ़ाने और/या अग्रिम प्राधिकरण योजना के तहत किए गए निर्यात के नियमितीकरण के मामले में संरचना शुल्क लगाने से संबंधित पिछले निर्णय शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि लक्ष्य कारोबार करना आसान बनाना और लेनदेन की लागत कम करना है।
गणना सरलीकरण जटिलता को कम करके और निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को अपेक्षाकृत आसान बनाकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मिशन में भी योगदान देता है।
डीजीएफटी कंपोजीशन शुल्क गणना प्रक्रिया को निर्यातकों के लिए आसान और समझने में आसान बनाकर इस लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है।
–आईएएनएस
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