जबलपुर. हाईकोर्ट में डीजे की तेज आवाज से मानव समुदाय के शारीरिक नुकसान के अलावा सामुदायिक दंगे भड़के को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि याचिका में उठाये गये मुद्दे पर बिन्दुबार जवाब पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गयी है.
अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि दिन के समय डीजे की अधिकतम आवाज 55 डेसिबल तथा रात के समय 45 डेसीबल होना चाहिये. इससे अधिक आवाज से ध्वनि प्रदूषण फैलाता है और लोगों के स्वास्थ में विपरीत प्रभाव पडता है. याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में सिर्फ कोलाहल एक्ट के तहत कार्यवाही का प्रावधान है.
याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि ट्रकों में 20 फिट तक साउड बांधकर डीजे बजाये जाते है,जिससे लोगों के कान खराब हो रहे है. इसके अलावा डीजे बजाने के कारण कई स्थानों में सांप्रदायिक दंगे भी भडके है. जिसके मुख्य कारण डीजे में बजाए जाने वाले गाने है. जिस पर रोक नहीं लगाई जाती है.
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि मुख्यमंत्री ने डीजे बजाने के संबंध में आवष्यक दिशा-निर्देश जारी किये है. जिस पर युगलपीठ ने कहा कि सिर्फ निर्देश जारी पर्याप्त नहीं है,उनका पालन भी आवष्यक है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष स्वयं रखा.