नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। जेएएम ट्रिनिटी -(जन धन योजना, आधार और मोबाइल नंबर) ने सरकार को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के रूप में लक्षित और कम विकृत तरीके से पहचाने गए परिवारों को सहायता की पेशकश करने की अनुमति दी है। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
डीबीटी की स्थापना के बाद से, केंद्रीय योजनाओं के संबंध में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का संचयी हस्तांतरण डीबीटी मार्ग के माध्यम से किया गया है।
सर्वे में कहा गया कि इस प्रक्रिया में, अकेले केंद्रीय योजनाओं के लिए डेटाबेस में 9.4 करोड़ डुप्लिकेट, नकली/गैर-मौजूद लाभार्थियों को हटाने के कारण 31 मार्च, 2021 तक कुल 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।
कोविड-19 महामारी की शुरुआत और लॉकडाउन के लागू होने और सामाजिक दूरी के मानदंडों को लागू करने के साथ, डीबीटी पारिस्थितिकी तंत्र को एक कठिन परीक्षण का सामना करना पड़ा और उन लाखों नागरिकों के लिए राहत के साधन के रूप में उभरा, जिनकी आजीविका प्रभावित हुई थी।
डीबीटी ने जीवन को बनाए रखने में एक प्रमुख भूमिका निभाई, विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गो के लिए, तत्काल राहत प्रदान करके लाखों लोगों की मदद की। पीएम-किसान, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), एनआरएलएम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) जैसी केंद्रीय योजनाओं के तहत नकद हस्तांतरण, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों की छात्रवृत्ति योजनाएं और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्य सब्सिडी और आत्म निर्भर भारत पैकेज कोविड-19 की अवधि के दौरान भारत की सभी प्रतिकूल प्रभावित जनता के लिए एक बड़ी राहत थी।
सर्वे में कहा गया कि डीबीटी योजनाओं को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए, ऑनलाइन और मोबाइल-आधारित पहुंच के प्रावधान के साथ प्रमुख डीबीटी योजनाओं को एंड-टू-एंड डिजिटाइज्ड (ईईडी) किया जा रहा है। केंद्र सरकार की 170 और 150 डीबीटी योजनाएं ईईडी हैं और क्रमश: न्यू एज गवर्नेंस (उमंग) मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन पर उपलब्ध हैं। इसी तरह, 1000 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की डीबीटी योजनाएं ईईडी हैं।
–आईएएनएस
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