नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई प्रसिद्ध कॉलेज, बेसिक ढांचागत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। शिक्षकों के मुताबिक अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन की बिल्डिंग खराब हालत में है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों की लैब, क्लास रूम, शौचालय, पीने का पानी, सेमिनार हॉल, गार्डन की स्थिति भी प्रति दिन खराब होती जा रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कम से कम एक दर्जन कॉलेजों की स्थिति ये है कि यहां शिक्षकों को प्रमोशन मिले डेढ़ साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया।
शिक्षकों के मुताबिक उनको वेतन के लिए भी कई-कई महीने इंतजार करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित इन कॉलेजों में सरकार जो इंस्टॉलमेंट भेजती है, उससे पहले की सैलरी ही मिल पाती है, बाकी के लिए फिर से कई महीनों इंतजार करना पड़ता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल को इन कॉलेजों के हालात से अवगत कराया है।
दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा चाहता है कि केंद्र सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय के इन 12 कॉलेजों का अधिग्रहण कर ले। यह सभी 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया कि पिछले कई वर्षों से दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेज गहन आर्थिक संकट से जूझ रहे है। शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता है।
फोरम ऑफ अकेडमिक फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ.सुमन ने बताया कि इन 12 कॉलेजों में जब तक वेतन, एरियर की समुचित राशि समय पर नहीं जारी होती है और बुनियादी ढांचा ठीक नहीं होता, तब तक दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी बनाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने उपराज्यपाल से भी कहा है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में सरकार की गवर्निंग बॉडी न बनाएं।
हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने इन कॉलेजों के लिए बकायदा 100 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। इस पर डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों को 100 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है लेकिन कॉलेजों तक यह ग्रांट अभी तक नहीं पहुंची है।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार को सभी मदों के भुगतान के लिए कॉलेजों को हर 3 महीने में आवश्यक राशि जारी दी जानी चाहिए।
इस पूरी स्थिति को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित डीयू के 12 कॉलेजों का अधिग्रहण करने की गुहार भी लगाई है।
प्रो ए.के. भागी ने बताया कि दिल्ली सरकार से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारी पिछले कई महीने से वेतन न मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। डूटा अध्यक्ष के मुताबिक कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपल ने उन्हें बताया है कि फंड उपलब्ध ना होने के कारण शिक्षकों को दूसरे मदों से वेतन दिया गया है।
डूटा अध्यक्ष का कहना है कि कई कॉलेजों के शिक्षकों को अभी भी दो महीने से तो कहीं तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।
प्रोफेसर भागी ने बताया कि सबसे ज्यादा संकट उन एडहॉक शिक्षकों के सामने है जिन्होंने मकान खरीदा हुआ है, गाड़ी खरीदी है, उन्हें ईएमआई भरने में दिक्कतें आ रही है। मेडिकल बिल किलियर नहीं हुए तथा रिटायर्ड टीचर्स को पेंशन नहीं मिली है।
–आईएएनएस
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