नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने सभी कॉलेजों को सर्कुलर जारी करते हुए ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी अतिरिक्त पदों के विषय में जानकारी मांगी थी। कॉलेजों से पूछा गया था कि शिक्षकों की सीटों के बढ़ने पर उनके कॉलेज में कितनी टीचिंग पोस्टों की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इन कॉलेजों में 75 फीसदी पदों पर स्थायी भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर शिक्षा मंत्रालय ईडब्ल्यूएस की बढ़ी सीटें दे देगा।
दरअसल पिछले दिनों डूटा के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय भागी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले थे। शिक्षकों के मुताबिक शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे ही अपने कॉलेजों में शिक्षकों की 75 फीसदी पदों पर स्थायी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगा, शिक्षा मंत्रालय उन्हें ईडब्ल्यूएस के कारण बढ़ी सीटें दे देगा।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस शिक्षक संगठन के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में शैक्षिक पदों पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों का ब्यौरा 46 कॉलेजों के प्राचार्यों ने दिया है। कॉलेजों के प्राचार्यो ने छात्रों की बढ़ी संख्या के आधार पर 25 फीसदी अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की है। बाकी लगभग 35 कॉलेजों ने अभी आंकड़े जारी नहीं किए ।
इसमें सर्वाधिक अतिरिक्त सीटें मांगने वाले कॉलेजों में हंसराज कॉलेज, गार्गी कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज, देशबंधु कॉलेज, आदि शामिल हैं।
डॉ.सुमन का कहना है कि कॉलेजों व संस्थानों में ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों के बढ़ने से सामान्य वर्गों के उन एडहॉक टीचर्स को राहत मिलेगी जिनकी सीटें 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस में चली गई थीं तथा स्थायी नियुक्ति के समय कुछ कॉलेजों से डिस्प्लेसमेन्ट भी हुए हैं।
डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर ए. के. भागी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस की टीचिंग पोस्टों के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से लंबी बातचीत हुई है। उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय पहले विज्ञापित पदों पर 75 फीसदी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। इन पदों के भरने के बाद शिक्षा मंत्रालय दिल्ली विश्वविद्यालय को 25 फीसदी ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटें देगा।
प्रोफेसर भागी ने आश्वासन दिया है कि वे चुनाव के पश्चात ईडब्ल्यूएस सीटों को अवश्य लेकर आएंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि ईडब्ल्यूएस सीटों के बढ़ने से सामान्य वर्गों के अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उम्मीदवारों के लिए ईडब्ल्यूएस सीटों के मिलने पर समाज के सभी कमजोर वर्गों के शिक्षकों के साथ सामाजिक न्याय होगा। उनका यह भी कहना है कि शिक्षा मंत्रालय से सीटें मिलने के बाद कॉलेजों को फिर से रोस्टर रजिस्टर तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर पदों को विज्ञापित किया जाएगा।
–आईएएनएस
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