नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर पुलिसकर्मियों के नशे में धुत होने और बल प्रयोग करने के आरोपों के बीच, नई दिल्ली के डीसीपी प्रणव तायल ने इन दावों का खंडन किया है।
देर रात हुई इस घटना के बाद पुलिस और पहलवानों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। रिपोर्ट के अनुसार, पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण सरन सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के साथ-साथ डब्ल्यूएफआई पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
डीसीपी के मुताबिक, बुधवार की देर रात हाथापाई के दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पहलवानों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस ने पीटा और कुछ प्रदर्शनकारियों के सिर में चोटें आई हैं।
डीसीपी ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा, रात के दौरान पर्याप्त संख्या में महिला अधिकारी ड्यूटी पर थीं। मेडिकल जांच में कोई भी पुलिसकर्मी नशे में नहीं पाया गया। हाथापाई के दौरान पांच पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई बल प्रयोग नहीं किया। एक घायल प्रदर्शनकारी ने चिकित्सकीय सलाह के बिना अस्पताल छोड़ दिया और पुलिस को अभी तक बयान नहीं दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना के दौरान दो पहलवान, राहुल यादव और दुष्यंत फोगट कथित रूप से घायल हो गए, फोगट के सिर में चोटें आईं।
डीसीपी ने कहा कि एहतियात के तौर पर, आगे की किसी भी घटना को रोकने के लिए दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
बुधवार रात राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पुलिस ने तब हिरासत में ले लिया जब वे पहलवानों को समर्थन देने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे।
–आईएएनएस
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