नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
–आईएएनएस
एएमजे/आरआर
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
–आईएएनएस
एएमजे/आरआर
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”
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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। हिटमैन रोहित शर्मा की ‘बेखौफ’ बल्लेबाजी के कायल न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी हैं। जो अंदाज युवा रोहित का था, आज इतने वर्षों बाद भी उनमें वही हुनर नजर आता है बल्कि बढ़ती उम्र और अनुभव ने उन्हें और दमदार बल्लेबाज बना दिया।
इस बीच न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि बहुत वर्षों पहले ही उन्होंने रोहित में कुछ अलग देखा था।
स्कॉट स्टायरिस और रोहित 2008 और 2009 के आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स कैंप में एक साथ थे, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खिताब जीता था।
इसके बाद, रोहित मुंबई इंडियंस में शामिल हो गए और उन्होंने पांच आईपीएल खिताब जीते। वहीं, बतौर टीम इंडिया के टी20 कप्तान उनके नाम टी20 विश्व कप का खिताब भी है, जो उन्होंने जून में बारबाडोस में जीता था।
पूर्व कीवी क्रिकेटर ने क्रिकेटडॉटकॉम से कहा, “आईपीएल 2008 में मुझे रोहित शर्मा को देखने और उनके साथ खेलने का पहला मौका मिला। वह डेक्कन चार्जर्स में हमारे साथ थे। उस समय उनकी उम्र 19 या 20 साल थी। मैं तभी समझ गया था कि यह बच्चा कुछ खास है। मैं अभी श्रीलंका से वापस आया हूं, जहां मैंने भारत बनाम श्रीलंका मैच में कमेंट्री की थी। वहां उनसे मिला और वह अभी भी वही खिलाड़ी हैं जो 16 साल पहले थे।”
आईपीएल 2008 में डेक्कन चार्जर्स 14 मैचों में से सिर्फ दो जीत के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे रहा। स्टायरिस को लगा कि टीम संतुलित प्लेइंग-11 नहीं बना पाई।
“पहले साल हम जीतने के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा थे और हम आखिरी स्थान पर रहे। इसका एक कारण यह भी था कि हमारे पास बहुत अच्छा संतुलन नहीं था। हमारे पास कागज पर बहुत अच्छे नाम थे लेकिन आपको सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति थी।”
“हम या तो बल्लेबाजी पर अधिक भार डालते और गेंदबाजी कमजोर हो जाती, या फिर हम गेंदबाजी पर अधिक भार डालते और बल्लेबाजी कमजोर हो जाती। जब हमने ऑलराउंडरों को शामिल करने की कोशिश की, तो हम थोड़े-बहुत टुकड़ों में थे और उनमें से किसी में भी हम काफी मजबूत नहीं थे और आखिरी स्थान पर रहे।”
लेकिन आईपीएल 2009 में, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर मामूली जीत के साथ चैंपियनशिप जीतकर सभी को चौंका दिया। स्टायरिस ने कहा, “टीम में कुछ बदलाव, एक नया कोच और हमने संतुलन पाया और इसे सही किया। हमने डेक्कन चार्जर्स में अच्छा समय बिताया।”