कोपेनहेगन, 25 सितंबर (आईएएनएस)। डेनमार्क स्थित रूसी दूतावास ने गुरुवार को ड्रोन घटना में मास्को की संलिप्तता को “बेतुकी अटकलें” करार दिया। संदिग्ध ड्रोन दिखने के परिणामस्वरूप डेनिश हवाई अड्डों पर व्यवधान उत्पन्न हुआ था। दूतावास ने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष को लंबा खींचने की कोशिश के तहत ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
डेनमार्क स्थित रूसी दूतावास द्वारा मीडिया के सवालों के जवाब में जारी एक बयान में कहा गया, “यह स्पष्ट है कि डेनिश हवाई अड्डों पर कथित व्यवधानों से जुड़ी घटनाएं एक सुनियोजित उकसावे की कार्रवाई हैं। निस्संदेह, इनका इस्तेमाल यूक्रेनी संघर्ष को हर तरह से लंबा खींचने और इसे अन्य देशों तक फैलाने की कोशिश कर रही ताकतों के हितों में तनाव को और बढ़ाने के बहाने के रूप में किया जाएगा।”
इसमें आगे कहा गया, “रूसी पक्ष इन घटनाओं में शामिल होने की बेतुकी अटकलों को दृढ़ता से खारिज करता है।”
इससे पहले, डेनमार्क ने अलबोर्ग हवाई अड्डे को बंद करने और तीन अन्य हवाई अड्डों को अलर्ट पर रखने के बाद उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ (ईयू) से संपर्क किया था। अधिकारियों ने इसे “समन्वित हमला” बताया था।
यूरो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, डेनमार्क के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सन ने कहा कि देश इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या गठबंधन के अनुच्छेद 4 को लागू किया जाए, जिसे उन्होंने एक हाइब्रिड हमला बताया है जिसमें महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के पास ड्रोन उड़ाने का “व्यवस्थित तरीका” शामिल है।
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने भविष्य में ऐसा होने की स्थिति में ड्रोन को मार गिराने की अनुमति दे दी है। पॉल्सन ने कहा, “हम इसके पीछे के लोगों का पता लगाएंगे। हमारे पास ऐसे सैन्य उपकरण हैं जिनसे हम डेनमार्क की रक्षा कर सकते हैं।”
डेनमार्क पुलिस ने कहा कि आलबोर्ग हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है और एस्बर्ज, सोंडरबोर्ग और स्क्रिडस्ट्रुप हवाई अड्डों पर भी गुरुवार रात को असर पड़ा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आलबोर्ग हवाई अड्डे के संचालन को बाधित करने वाले ड्रोन लगभग तीन घंटे बाद क्षेत्र से चले गए।
इससे पहले भी, डेनमार्क में ड्रोन घुसपैठ की खबरें आई थीं, जिनके बारे में अधिकारियों को संदेह है कि उनमें रूसियों का हाथ हो सकता है। सोमवार को कोपेनहेगन हवाई अड्डे पर भी ऐसी ही एक घटना हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि आल्बोर्ग में कोपेनहेगन जैसा ही पैटर्न अपनाया गया। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने इस ड्रोन हमले को “डेनमार्क के बुनियादी ढांचे पर अब तक का सबसे गंभीर हमला” बताया था।
यूरो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्वे के अधिकारियों ने भी सोमवार को अनधिकृत ड्रोन गतिविधि के संभावित खतरे के कारण ओस्लो हवाई अड्डे के हवाई क्षेत्र को तीन घंटे के लिए बंद कर दिया था।
–आईएएनएस
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