मुंबई, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा करते हुये कहा कि गिरफ्तार ड्रग डॉन ललित पाटिल शिवसेना (यूबीटी) नेता था, जो पहली बार दिसंबर 2020 में पकड़ा गया, लेकिन ड्रग्स के मामले में उससे कभी पूछताछ नहीं की गई।
फड़नवीस ने यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि दिसंबर 2020 में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था, और तुरंत पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
फड़णवीस ने कहा, “इसके बाद, सरकार ने उनके स्वास्थ्य से संबंधित या उसे मेडिकल बोर्ड के सामने रखने के लिए कोई आवेदन नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि आज तक ललित पाटिल से इतने बड़े ड्रग्स भंडाफोड़ मामले में पूछताछ या जांच नहीं की गई।”
चूंकि उस समय पाटिल शिवसेना (यूबीटी) के नासिक शहर का अध्यक्ष था, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या ड्रग डॉन को उनकी राजनीतिक स्थिति के कारण विशेष रातह दी गई थीं।”
फड़नवीस ने सवाल किया, “क्या अधिकारियों पर इस मामले में उनसे पूछताछ नहीं करने का दबाव था, क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) या तत्कालीन गृह मंत्री किसी भी तरह से इसमें शामिल थे… ये सवाल हैं जो अब उठते हैं।”
मुंबई पुलिस ने मेफेड्रोन (एमडी) दवा बनाने वाली दो अवैध फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ करने के बाद पाटिल को गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में है।
हालाँकि, एक सनसनीखेज घटनाक्रम में वह 2 अक्टूबर को अचानक ससून अस्पताल से ‘भागने’ में सफल रहा था। वह 15 दिन तक विभिन्न राज्यों में भागता रहा, लेकिन अंततः पकड़ा गया। पुलिस उसे लेकर मुंबई आ गई। उसे 23 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। है।
फड़णवीस ने चेतावनी दी कि वह जल्द ही इस संबंध में कुछ और खुलासे करेंगे क्योंकि जांच चल रही है, और इसके बाद “सरकार पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों की बोलती बंद हो जायेगी।”
–आईएएनएस
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