बीजिंग, 13 फरवरी (आईएएनएस)। वर्ष 2025 की शुरुआत में, तकलामकान रेगिस्तान के बीचों-बीच नए लगाए गए अल्ट्रा-डीप कुओं की एक के बाद एक खुदाई शुरू कर दी गई। 6,000 मीटर से ज़्यादा गहरे कुओं को अल्ट्रा-डीप वेल कहा जाता है। चीन पृथ्वी के अंदर तेल और गैस संसाधनों की खोज में तेजी ला रहा है और तकलामकान रेगिस्तान में अपना सबसे बड़ा अल्ट्रा-डीप कच्चा तेल उत्पादन क्षेत्र बना रहा है।
चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के अक्सू क्षेत्र के शाया काउंटी में स्थित मेनशन 72-एच6 कुएं को हाल ही में 8,735 मीटर की निर्धारित गहराई तक खोदा गया।
चाइना पेट्रोलियम (पेट्रो चाइना) के वेस्टर्न ड्रिलिंग बाज़ोंग शाखा की ड्रिलिंग टीम के प्रभारी ल्यू हैबो ने कहा कि उनकी टीम ने 12 घंटे में 1,000 मीटर भूमिगत ड्रिलिंग की और इस कुएं के निर्माण में उनकी चुनौतीपूर्ण अवधि 95 दिन है।
तकलामकान रेगिस्तान के हृदयस्थल में पीली रेत के नीचे तेल और गैस के समृद्ध संसाधन छिपे हुए हैं। लेकिन, ये तेल और गैस जमीन के नीचे 7 या 8 हजार मीटर गहराई में दबे हुए हैं। इसी कारण इनका दोहन करना बहुत कठिन है। अल्ट्रा-डीप कुओं की ड्रिलिंग के इस बैच के कार्यान्वयन से चीन में तेल और गैस भंडारों के उपयोग में तेजी आएगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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