नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। जोशीमठ में जमीन के धंसने और पूरे शहर के ढहने के खतरे के बीच और धंसाव प्रभावित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद, राज्य के स्वामित्व वाली एनटीपीसी ने स्पष्ट किया है कि उसके तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना के लिए सुरंग का वहां की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।
एनटीपीसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, जोशीमठ में भूस्खलन के लिए तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि एनटीपीसी द्वारा निर्मित सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं गुजर रही है।
यह बयान जोशीमठ के स्थानीय निवासियों द्वारा परियोजना के लिए सुरंग के काम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद आया, जिसमें इसे शहर के धीरे-धीरे ढहने के कारणों में से एक बताया गया। एनटीपीसी ने कहा कि टनल का निर्माण टनल बोरिंग मशीन की मदद से किया गया है और वर्तमान में पहाड़ी राज्य में धौलीगंगा नदी पर बन रही परियोजना में कंपनी द्वारा कोई ब्लास्टिंग का काम नहीं किया जा रहा है।
बयान में कहा गया, एनटीपीसी पूरी जिम्मेदारी के साथ सूचित करना चाहती है कि टनल का जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी विषम परिस्थिति में कंपनी जोशीमठ के लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदनशीलता व्यक्त करती है।
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 8 जनवरी को जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी और कई एजेंसियों को शहर के लोगों के पुनर्वास के लिए समयबद्ध योजना के साथ काम करने का निर्देश दिया था।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। जोशीमठ में जमीन के धंसने और पूरे शहर के ढहने के खतरे के बीच और धंसाव प्रभावित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद, राज्य के स्वामित्व वाली एनटीपीसी ने स्पष्ट किया है कि उसके तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना के लिए सुरंग का वहां की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।
एनटीपीसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, जोशीमठ में भूस्खलन के लिए तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि एनटीपीसी द्वारा निर्मित सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं गुजर रही है।
यह बयान जोशीमठ के स्थानीय निवासियों द्वारा परियोजना के लिए सुरंग के काम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद आया, जिसमें इसे शहर के धीरे-धीरे ढहने के कारणों में से एक बताया गया। एनटीपीसी ने कहा कि टनल का निर्माण टनल बोरिंग मशीन की मदद से किया गया है और वर्तमान में पहाड़ी राज्य में धौलीगंगा नदी पर बन रही परियोजना में कंपनी द्वारा कोई ब्लास्टिंग का काम नहीं किया जा रहा है।
बयान में कहा गया, एनटीपीसी पूरी जिम्मेदारी के साथ सूचित करना चाहती है कि टनल का जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी विषम परिस्थिति में कंपनी जोशीमठ के लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदनशीलता व्यक्त करती है।
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 8 जनवरी को जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी और कई एजेंसियों को शहर के लोगों के पुनर्वास के लिए समयबद्ध योजना के साथ काम करने का निर्देश दिया था।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम