चेन्नई, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदर्शन किया और डीएमके सरकार द्वारा लोकतांत्रिक विरोध के दमन की निंदा की। वहीं, तमिलनाडु एबीवीपी राज्य सचिव युवराज डी और दो अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई।
एबीवीपी के अनुसार घटना की रात बिरयानी बेचने वाला डी. ज्ञानसेकरन, विश्वविद्यालय परिसर में घुस आया, पीड़िता के पुरुष दोस्त पर हमला किया और ब्लैकमेल करने की धमकी देकर युवती का यौन उत्पीड़न किया।
गिरफ्तारी में देरी होने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी ने कहा, यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) अधिनियम के तहत औपचारिक शिकायत दर्ज कराने में पीड़िता की हिम्मत के बावजूद, तमिलनाडु पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी में 12 घंटे की देरी की। इस दौरान, पीड़िता की एफआईआर सहित संवेदनशील विवरण डीएमके से जुड़े मीडिया आउटलेट्स को लीक कर दिए गए, इससे उसका दुख और बढ़ गया।
यह पता चलने के बाद कि आरोपी डीएमके से जुड़ा है, पार्टी की गतिविधियों में भाग लेता है और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के साथ तस्वीरों में दिखाई देता है, लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। अन्ना विश्वविद्यालय के एक सिंडिकेट सदस्य के रूप में, स्टालिन सीधे तौर पर उन खामियों में शामिल हैं, जिनकी वजह से परिसर में ऐसा अपराध हुआ।
इस पर एबीवीपी पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन कर रही है, अन्ना विश्वविद्यालय में सुरक्षा विफलता के लिए जवाबदेही और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रही है। हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने असहमति को दबाने का सहारा लिया है। शुक्रवार को सुबह 4 बजे एबीवीपी के तमिलनाडु राज्य सचिव युवराज डी और दो अन्य कार्यकर्ताओं को पुरासईवाक्कम स्थित एबीवीपी के तमिलनाडु राज्य कार्यालय से गिरफ्तार किया गया।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने एबीवीपी पर हुई इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए निंदा की। उन्होंने मामले में न्याय और तमिलनाडु भर के परिसरों में छात्रों की सुरक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की चेतावनी भी दी।
–आईएएनएस
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