चेन्नई, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को नीट को खत्म करने की मांग करने में एआईएडीएमके की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
विधानसभा में बहस के दौरान सीएम स्टालिन ने कहा, “विपक्षी नेता पलानीस्वामी ने सिर्फ दो महीने पहले घोषणा की थी कि वह 2026 या 2031 में भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, अब नाटकीय ढंग से यू-टर्न ले रहे हैं। वह किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं?”
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए अनुदान पर विधानसभा में बहस उस समय तीखी हो गई जब मंत्री शिव शंकर ने एआईएडीएमके पर नीट की शुरुआत में मदद करने का आरोप लगाया और इसकी तुलना वादिवेलु कॉमेडी की शैली में “बेकरी डीलिंग” से की। इस पर एआईएडीएमके सदस्यों ने जोरदार विरोध किया।
पलानीस्वामी ने जवाब दिया कि नीट कांग्रेस-डीएमके शासन के दौरान शुरू किया गया था। इस पर सीएम स्टालिन ने पलटवार करते हुए कहा, “अब जब आपके पास गलती सुधारने का मौका है, तो क्या आपके पास भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए नीट को खत्म करने की मांग करने की विश्वसनीयता है?”
सीएम स्टालिन ने यह भी स्पष्ट किया कि डीएमके ने नीट को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन उसकी सरकार केंद्र में सत्ता में नहीं आई। पलानीस्वामी ने पलटवार करते हुए कहा, “हम लोगों को धोखा देकर सत्ता में नहीं आए हैं।”
यह बहस तब और बढ़ गई जब सीएम स्टालिन ने एआईएडीएमके के बार-बार गठबंधन के कदमों पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या उनके पास नीट को हटाने की मांग करने का नैतिक आधार है।
पलानीस्वामी ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, “गठबंधन बनाने में क्या गलत है? डीएमके ने भी ऐसा बहुत पहले किया है।”
विधानसभा से बाहर निकलने के बाद, पलानीस्वामी ने मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि सीएम स्टालिन की टिप्पणी भ्रामक थी। उन्होंने कहा, “नीट को कांग्रेस-डीएमके शासन के दौरान लाया गया था।”
–आईएएनएस
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