चेन्नई, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के तंजावुर में किसानों को कुरुवई फसलों के सूखने का डर सता रहा था। कावेरी का पानी धान के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने उन्हें राहत दी और पानी की कमी की समस्या लगभग हल हो गई।
एक किसान एमएल अरुमुखम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि धान किसानों को तनाव से राहत मिली है। बारिश ने कुरुवई, सांबा और थलाडी की फसलों को सूखने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने केला और पान की खेती की है, उन्हें भी बारिश का फायदा होगा।
गौरतलब है कि जिले भर में 78,486 हेक्टेयर कृषि भूमि पर कुरुवई धान की खेती की गई थी और लगभग 55,000 हेक्टेयर भूमि की कटाई पहले ही पूरी हो चुकी है। जिले में लगभग 25,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सांबा और थलाडी धान की खेती की जाती है।
पूर्वोत्तर मॉनसून तमिलनाडु में दस्तक देने वाला है, बारिश की छोटी अवधि ने फसलों को बचा लिया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा 12 जून को मेट्टूर बांध खोले जाने के बावजूद भी कावेरी का पानी तंजावुर के सिंचाई चैनलों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
कई किसान संगठनों ने तमिलनाडु के लिए पर्याप्त मात्रा में कावेरी जल जारी नहीं करने को लेकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ सड़क अवरोध सहित विरोध प्रदर्शन किए।
–आईएएनएस
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