चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैले नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व (एनबीआर) में हाल ही में किए गए गिद्धों के सिंक्रोनस (समकालिक) सर्वे में 300 से अधिक गिद्ध दर्ज किए गए।
सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैले नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व (एनबीआर) में हाल ही में किए गए गिद्धों के सिंक्रोनस (समकालिक) सर्वे में 300 से अधिक गिद्ध दर्ज किए गए।
सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
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वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
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तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
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वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
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सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैले नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व (एनबीआर) में हाल ही में किए गए गिद्धों के सिंक्रोनस (समकालिक) सर्वे में 300 से अधिक गिद्ध दर्ज किए गए।
सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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चेन्नई, 26 जनवरी (आईएएनएस)। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैले नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व (एनबीआर) में हाल ही में किए गए गिद्धों के सिंक्रोनस (समकालिक) सर्वे में 300 से अधिक गिद्ध दर्ज किए गए।
सर्वे मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और नेल्लई वन प्रभाग में किया गया था।
तमिलनाडु वन विभाग ने एक बयान में कहा कि एनबीआर के मुदुमलाई-सत्यमंगलम-बांदीपुर-वायनाड परिसर में सर्वे के दौरान दर्ज किए गए 82 प्रतिशत से अधिक गिद्ध थे।
वन विभाग के अनुसार, फरवरी 2023 में आयोजित अंतिम सिंक्रोनस गिद्ध जनगणना के बाद से गिद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। उस समय 246 गिद्ध दर्ज किए गए थे। दिसंबर 2023 में किए गए सबसे हालिया सर्वे में दर्ज गिद्धों की संख्या बढ़कर 320 हो गई थी।
सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु के मुदुमलाई और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व में दर्ज की गई। सर्वे में कुल 217 गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस), 47 लंबी चोंच वाले गिद्ध (जिप्स इंडिकस), 50 एशियाई राजा गिद्ध (सरकोजिप्स कैल्वस), चार लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और दो ‘खतरे के निकट’ हिमालयी ग्रिफ़ॉन गिद्ध (जिप्स हिमालयेंसिस) दर्ज किए गए।
नीलगिरी बायोस्फीयर में मुख्य रूप से सफेद दुम वाले, लंबे चोंच वाले और एशियाई राजा गिद्ध प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं।