चेन्नई, 3 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु के होसुर में कावेरी उत्तरी वन्यजीव अभयारण्य में ज्वालागिरी रेंज के आरक्षित जंगलों में 50 साल के अंतराल के बाद दो बाघों को कैमरा ट्रैप में देखा गया।
राज्य वन विभाग के एक बयान के अनुसार, जनवरी में वन क्षेत्रों के अंदर लगाए गए कैमरा ट्रैप में दो बाघ देखे गए थे। जिसमें एक नर बाघ की उम्र करीब चार से पांच साल है, जबकि दूसरे की आठ से नौ साल है।
राज्य में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन की अतिरिक्त सचिव सुप्रिया साहू ने बयान में कहा, “ज्वालागिरी रेंज हाल में अधिसूचित कावेरी दक्षिण वन्यजीव अभयारण्य के पास है, जो संरक्षित क्षेत्रों के निरंतर परिदृश्य का एक हिस्सा है।”
बाघों की मौजूदगी इस बात का उदाहरण है कि कर्नाटक के बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों से बाघों की आबादी को समायोजित करना व्यवहार्य है, जो संरक्षण प्रयासों की सफलता का संकेत देता है।
राज्य सरकार ने इरोड जिले के बरगुर हिल्स में 80,114.80 हेक्टेयर आरक्षित वनों को थानथाई पेरियार वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया है। संरक्षित वनों का विस्तार नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व को कावेरी दक्षिण वन्यजीव अभयारण्य से जोड़ता है।
संरक्षणवादी और वन्यजीव विशेषज्ञ नजीर खान ने कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण प्रयास रंग ला रहे हैं। 50 वर्षों के अंतराल के बाद दो बाघों की मौजूदगी इसका स्पष्ट संकेत हैं।
–आईएएनएस
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