चेन्नई, 9 जुलाई (आईएएनएस)। तमिलनाडु के वन मंत्री डॉ. एम. मथिवेंथन ने कहा कि जंगली हाथी, ‘अरीकोम्बन’ जिसे तिरुनेलवेली के जंगल में स्थानांतरित किया गया था, वह पूरी तरह से स्वस्थ है और उसने इस क्षेत्र में अपने आप को ढाल लिया है।
वन मंत्री डॉ. एम. मथिवेंथन जो एक चिकित्सक भी हैं ने कहा कि हाथी के घाव ठीक हो गए हैं और वह घास खा रहा है और पानी पी रहा है। वन क्षेत्र में घास और पानी दोनों प्रचुर मात्रा में है।
मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाथी केरल या तमिलनाडु का नहीं हैं और जहां तक जंगली जानवरों का सवाल है, वन भूमि का कोई सीमांकन नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि जब हाथी केरल वन क्षेत्र में था तो इसे ‘अरीकोम्बन’ कहा जाता था और तमिलनाडु वन क्षेत्र में इसका नाम ‘अरासीकोम्बन’ रखा गया।
गौरतलब है कि केरल के इडुक्की जिले के चिन्नाकनाल वन क्षेत्र में तबाही मचाने वाले ‘अरीकोम्बन’ को 29 अप्रैल को शांत कर पकड़ लिया गया था। हाथी को चिन्नाकनाल से 80 किमी की दूरी पर पेरियार टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, हाथी ने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की ओर रुख किया और थेनी जिले के कंबुम शहर में प्रवेश किया। इसी दौरान पालराज नाम का एक व्यक्ति अपने दोपहिया वाहन से गिर गया और उसके सिर में गंभीर चोटें आईं और बाद में अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। इसके चलते तमिलनाडु सरकार ने हाथी को पकड़ने के लिए वन अधिकारियों की एक टीम तैनात की और 4 जून को उसे पकड़ लिया गया और फिर तिरुनेलवेली वन रेंज में स्थानांतरित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, हाथी की सूंड पर गहरा घाव था। तमिलनाडु वन विभाग की टीम में शामिल पशु चिकित्सकों ने उसे दवा लगाई थी।
–आईएएनएस
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