चेन्नई, 23 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी स्लैब में सुधार की हर वर्ग के लोगों ने सराहना की है। तमिलनाडु में अंबत्तूर के एक ग्राहक ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि सभी उत्पादों की एमआरपी कीमतें कम करनी चाहिए।
वेंकटेश ने आईएएनएस से खास बातचीत में जीएसटी लागू होने के बाद ‘आविन उत्पादों’ पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने जीएसटी दरों में कमी के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया और सुझाव दिया कि आविन को छूट देने के बजाय सभी उत्पादों की एमआरपी कीमतें कम करनी चाहिए। आविन तमिलनाडु राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ का ब्रांड है।
वेंकटेश ने जोर देकर कहा कि जीएसटी में कमी का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ उत्पाद सस्ते जरूर हुए हैं, लेकिन कीमतों में ज्यादा अंतर नहीं है, इसलिए एमआरपी कीमतें कम की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि आविन द्वारा उत्पादों पर दी जा रही छूट की पेशकश कभी भी वापस ली जा सकती है।
वेंकटेश ने सुझाव दिया कि जीएसटी में कमी मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद होगी और डेयरी उत्पादों सहित सभी उत्पादों की कीमतों को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि घी, पनीर, मक्खन और चीजें जैसे डेयरी उत्पादों की कीमतें कम की जानी चाहिए। आविन को दूध की कीमतें कम करते हुए इन उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ानी चाहिए।
वेंकटेश को उम्मीद है कि आविन सभी उत्पादों की एमआरपी कीमतें कम करेगा और उन्हें उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा किफायती बनाएगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जीएसटी कटौती का लाभ पारदर्शी तरीके से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा।
बता दें कि खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य हो जाने से किराने के सामान और खाद्य वस्तुओं पर प्रति माह लगभग 8,000-10,000 रुपए खर्च करने वाला एक मध्यम वर्गीय परिवार प्रति माह लगभग 800-1,000 रुपए की बचत करेगा, जो कि सालाना आधार पर 10,000 रुपए से अधिक है। पनीर, रोटी, पैक्ड पराठे और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर अब जीएसटी शून्य हो गया है, जबकि मक्खन, घी, पनीर, चॉकलेट, बिस्कुट और अचार को 18 या 12 प्रतिशत के स्लैब से घटाकर 5 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है।
–आईएएनएस
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