मदुरै, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में सोमवार को वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास स्थान पर निधन हो गया। उनके निधन पर दुनिया भर के साथ भारत में भी ईसाई समुदाय के लोगों ने शोक प्रार्थना की। तमिलनाडु के मदुरै में सौ साल पुराने सेंट मैरी कैथेड्रल ने ईसाइयों ने दिवंगत पोप फ्रांसिस के लिए मोमबत्ती जलाकर शोक प्रार्थना की।
मदुरै के कीझवासल में सेंट मैरी कैथेड्रल चर्च में, पैरिश पादरी हेनरी जेरोम ने पोप फ्रांसिस के निधन पर एक विशेष प्रार्थना किया। तमाम ईसाइयों ने इस विशेष प्रार्थना में भाग लिया, मोमबत्तियां जलाईं और उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। विशेष रूप से, पैरिश पुजारी, नन, हॉस्टल के छात्रों और पैरिशवासियों ने पोप फ्रांसिस के चित्र के सामने मोमबत्तियां जलाकर मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
तिरुनेलवेली के पलायमकोट्टई में स्थित सेंट जेवियर कैथेड्रल चर्च में भी दिवंगत पोप फ्रांसिस की याद में एक विशेष प्रार्थना आयोजित की गई। इसका नेतृत्व बिशप एंटोनी सामी ने किया और बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए। दिवंगत पोप फ्रांसिस का फोटो कैथेड्रल में रखा गया और लोगों ने सम्मान के प्रतीक के रूप में फूल और प्रार्थनाएं अर्पित कीं।
कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस 2013 से कैथोलिक ईसाई चर्च के नेता के रूप में कार्यरत थे। पोप फ्रांसिस ने वैश्विक शांति और युद्ध को रोकने के लिए कई पहल की थीं। उनके निधन से दुनिया भर के कैथोलिक ईसाइयों में गहरा दुख है। दुनिया भर के ईसाई उनके लिए शोक संवेदना और प्रार्थना कर रहे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया में करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के लिए याद रखा जाएगा।
पीएम मोदी ने एक्स पर अपने शोक संदेश में कहा, “परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।” उन्होंने कहा, “पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में लाखों लोग करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद रखेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने में खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की उम्मीद जगाई। मुझे उनके साथ हुई मुलाकातें बहुत अच्छी तरह याद हैं और मैं समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”
–आईएएनएस
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