नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर हिंदी और सनातन विरोध के साथ अब राष्ट्रविरोधी मानसिकता अपनाने के आरोप लग रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने स्टालिन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य के बजट दस्तावेजों में ‘₹’ (रुपये) के राष्ट्रीय प्रतीक को हटाना केवल हिंदी विरोध तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोध की ओर बढ़ता कदम है।
बंसल ने कहा कि ‘₹’ चिन्ह को तमिलनाडु के ही युवा और पूर्व डीएमके विधायक एन धर्मलिंगम के पुत्र उदय कुमार ने डिजाइन किया था, जिसे पूरे देश ने अपनाया, लेकिन स्टालिन सरकार ने इसे बजट से हटा दिया, जो अपने ही राज्य की प्रतिभा का अपमान है।
उन्होंने कहा कि रुपये का प्रतीक भाजपा सरकार ने नहीं बनाया था। इस प्रतीक को 2010 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में अपनाया गया था, तब आपने या आपके पिता ने इसका विरोध क्यों नहीं किया था, लेकिन अब आप विरोध कर रहे हैं।
विहिप नेता ने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार हिंदी विरोध और सनातन विरोध की राजनीति करते-करते अब राष्ट्र विरोध के स्तर तक जा पहुंची है। उन्होंने सवाल किया कि अगर सीएम स्टालिन को हिंदी और भारतीय मुद्रा से इतनी समस्या है, तो क्या वे भारतीय रुपयों के बिना राज्य सरकार चला सकते हैं?
विनोद बंसल ने स्टालिन परिवार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन जहां सनातन धर्म को खत्म करने की बातें करते हैं, वहीं राज्य के एक युवा उदय कुमार ने राष्ट्रीय मुद्रा का प्रतीक बनाया। उन्होंने इसे विचारधारा का अंतर बताते हुए कहा कि स्टालिन सरकार अपने ही राज्य की महान विभूतियों का अपमान कर रही है।
विहिप प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि तमिलनाडु की जागरूक जनता डीएमके और इंडी गठबंधन के इस छल-प्रपंच को समझ चुकी है और इसे अब बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि स्टालिन सरकार को राष्ट्रविरोधी मानसिकता छोड़कर तमिलनाडु और भारत के हितों के लिए काम करना चाहिए।
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने बजट में रुपये के प्रतीक को हटा दिया है। इसके बाद इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरा जा रहा है। भाजपा के नेताओं ने स्टालिन सरकार पर राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान बताया है।
–आईएएनएस
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