चेन्नई, 16 जनवरी (आईएएनएस)। पुडुकोट्टई जिले के वेंगईवयाल में पीने के पानी की टंकी में मानव मल गिराए जाने के मामले की जांच तेज होने के साथ ही दलित संगठनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस स्थानीय एससी समुदाय के सदस्यों को धमका रही है।
उल्लेखनीय है कि पुडुकोट्टई जिले के वेंगईवयल गांव में एक दलित कॉलोनी में पीने के पानी की आपूर्ति करने वाली एक ओवरहेड पानी की टंकी में भारी मात्रा में मानव मल पाया गया था। इससे एक बड़ा हंगामा हुआ और पुडकोट्टई, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक ने जांच की तो पाया कि गांव में दलितों से भेदभाव हो रहा है।
जिला पुलिस अधीक्षक ने एक दंपति को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, जिसने अपने छोटे से रेस्तरां में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अलग-अलग गिलास रखा था। पुलिस ने एल मुकैया और एल सिउंगम्मल को जाति के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
एक अन्य घटना में जिला प्रशासन ने एक स्थानीय मंदिर में दलितों के एक समूह के प्रवेश का समर्थन किया, जहां दलित समुदाय के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
हालांकि दलित संगठनों ने अब शिकायत की है कि स्थानीय पुलिस ने जांच के दौरान अनुसूचित जाति समुदाय के कई लोगों को हिरासत में लिया है और उन्हें यह स्वीकार करने की धमकी दे रही है कि मानव मल गिराने के पीछे वे ही हैं।
दलित समूहों के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस दलित समुदाय के उन लोगों के लिए 2 लाख रुपये और सरकारी नौकरी की भी पेशकश कर रही है, जो यह स्वीकार करते हैं कि उन्होंने पीने के पानी की टंकी में मानव मल गिराया था।
अम्बेडकर संगठन के नेता से गु तमिलरासन ने जांचकर्ताओं द्वारा दलित समुदाय के साथ किए जा रहे भेदभाव पर तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक, सी. सिलेंद्र बाबू ने पहले ही याचिका दायर कर दी है।
विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), सीपीआई (एम) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी पुलिस जांच पर अपनी आशंका जताई है।
हालांकि पुलिस ने आलोचना को खारिज कर दिया और कहा कि लोगों का एक वर्ग तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने एक बयान भी जारी कर कहा कि 2 लाख रुपये का इनाम उस व्यक्ति के लिए है, जो दलित कॉलोनी में पीने के पानी की आपूर्ति करने वाले ओवरहेड पानी की टंकी में मानव मल को गिराने वाले अपराधियों को गिरफ्तार कराने में सहयोग प्रदान करेगा।
–आईएएनएस
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