चेन्नई, 17 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में नकली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंचने और लगभग 55 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के साथ विपक्षी दलों ने द्रमुक सरकार पर अपनी बंदूकें तान दी हैं।
तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के मरक्कन में शनिवार को मछुआरों की बस्ती एकियारकुप्पम में 50 से अधिक लोगों के एक समूह ने अवैध शराब का सेवन किया था। उनमें से कई ने बाद में मतली, उल्टी, शरीर में खुजली और आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत की थी। शनिवार की रात तक छह लोगों की जान चली गई थी।
इस बीच, मरक्कनम से 50 किमी दूर चेंगलपट्टू जिले के मदुरंथकम में भी काढ़ा पीने के बाद कई लोगों ने सांस फूलने, उल्टी और मतली की शिकायत की। शनिवार रात और रविवार तक मधुरंथकम में भी करीब छह लोगों की जान चली गई।
बुधवार सुबह तक, तमिलनाडु की सबसे भीषण शराब त्रासदियों में से एक में 22 लोगों की जान जा चुकी है। मरक्कनम और मारुथंथकम दोनों से लगभग 55 लोग अस्पतालों में हैं और कई लोगों ने आंखों की रौशनी कम होने की शिकायत की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पहले ही तमिलनाडु सरकार को जहरीली शराब त्रासदी पर नोटिस जारी कर दिया है।
विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और राज्य के उत्पाद एवं मद्यनिषेध मंत्री सेंथिल बालाजी को जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए धन्यवाद दिया।
भाजपा ने मुख्यमंत्री से मिलावटी शराब बनाने के लिए औद्योगिक शराब की आपूर्ति करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी आह्वान किया है।
विपक्षी दल अवैध शराब और अवैध शराब की खरीद और वितरण में स्थानीय द्रमुक नेताओं की कथित संलिप्तता के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में एक बड़ा अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसके कारण 22 लोगों की मौत हो गई।
–आईएएनएस
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