चेन्नई, 5 मई (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ द्रमुक जहां लगातार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का विरोध कर रही है, वहीं तमिलनाडु से 1.5 लाख छात्र रविवार को परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। दोपहर 2 बजे से शुरू हुई परीक्षा शाम 5.20 तक चलेगी।
इसमें 12,730 सरकारी स्कूल के छात्र शामिल हैं, जिन्होंने तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित मुफ्त नीट कोचिंग का लाभ उठाया है।
नीट कोचिंग में भाग लेने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों की संख्या में सलेम जिला 992 के साथ शीर्ष पर है, जबकि करूर में सबसे कम संख्या 71 है।
नीट परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने कहा है कि देश भर के 557 शहरों और भारत के बाहर 14 शहरों में 24 लाख छात्र परीक्षा दे रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु में नीट के आयोजन के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए, जब कई छात्रों ने परीक्षा में असफल होने के बाद अपनी जान दे दी। कुछ छात्रों ने परीक्षा लिखने के डर से आत्महत्या कर ली।
तमिलनाडु में 2017 में नीट की शुरुआत के बाद से अनुमानित 24 छात्रों ने आत्महत्या की।
तमिलनाडु में नीट एक लगातार मुद्दा रहा है और इस परीक्षा को गरीब विरोधी और सरकारी स्कूलों और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण माना जाता है।
2023 में नीट के नतीजे आने के बाद 19 साल के एक लड़के जगतेश्वरन ने परीक्षा में 400 अंक हासिल करने के बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली। उनके पिता सेल्वासेकर भी अपने बेटे का गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होेंने भी जहर खाकर जान दे दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने तब कहा था कि द्रमुक और तमिलनाडु सरकार हमेशा से नीट का विरोध करती रही है और छात्रों से कहा था कि भविष्य में नीट परीक्षा को समाप्त किया जा सकता है।
पिता-पुत्र की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए स्टालिन ने कहा था, “तमिलनाडु सरकार नीट को खत्म करने के लिए कदम उठा रही है और छात्रों को परीक्षा से डरकर कोई भी अतिवादी कदम नहीं उठाना चाहिए।”
–आईएएनएस
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