कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
–आईएएनएस
एकेजे/
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चेन्नई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भवानी नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2023 में गठित तमिलनाडु पुलिस की विशेष इकाई के फायदे सामने आने लगे हैं।
पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
–आईएएनएस
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चेन्नई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भवानी नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2023 में गठित तमिलनाडु पुलिस की विशेष इकाई के फायदे सामने आने लगे हैं।
पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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चेन्नई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भवानी नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2023 में गठित तमिलनाडु पुलिस की विशेष इकाई के फायदे सामने आने लगे हैं।
पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
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कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
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कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
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पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
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चेन्नई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भवानी नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2023 में गठित तमिलनाडु पुलिस की विशेष इकाई के फायदे सामने आने लगे हैं।
पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।
–आईएएनएस
एकेजे/
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चेन्नई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भवानी नदी में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए फरवरी 2023 में गठित तमिलनाडु पुलिस की विशेष इकाई के फायदे सामने आने लगे हैं।
पिछले साल गठित मेट्टुपालयम लाइफ गार्ड्स इकाई में एक उप-निरीक्षक और 10 पुलिसकर्मी हैं। इकाई के सदस्यों को एनडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
कोयंबटूर जिला पुलिस ने कहा है कि यूनिट का गठन तब किया गया था जब 2021, 2022 और 2023 की शुरुआत में डूबने की कई घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भवानी नदी में डूबने से 26 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में कुल 20 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 में भी छह लोगों की मौत होने के बाद कोयंबटूर जिला पुलिस ने तुरंत टीम गठित की।
विशेष टीम के गठन के बाद डूबने के मामलों में भारी गिरावट आयी है। भवानी नदी में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या में 2023 में कमी आई है।
पुलिस ने पाया है कि मरने वालों में से अधिकांश मेट्टुपालयम और सिरुमुगई क्षेत्रों से नहीं थे, और नदी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। भवानी में पानी का स्तर अचानक बढ़ने से अक्सर डूबने की नौबत आ जाती है।
कोयंबटूर पुलिस ने कहा कि 10 सदस्यीय बल ने नदी के किनारों पर निगरानी रखकर और लोगों को नुकसान तथा खतरों के बारे में सूचित करके डूबने वालों की संख्या को कम कर दिया है।
कोयंबटूर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि टीम अब तक 914 लोगों को डूबने से बचा चुकी है। इसने आत्महत्या की कोशिश करने वाले 13 व्यक्तियों को भी बचाया है, जो भवानी नदी में कूद गए थे।