चेन्नई, 23 दिसम्बर (आईएएनएस)। 10वीं कक्षा की परीक्षा में कोई अंक नहीं मिलने के कारण तमिलनाडु के कई छात्रों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के लिए आवेदन करते समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों के पास दिखाने के लिए 10वीं के अंक नहीं हैं। वे सभी 2020-21 के कोविड-19 महामारी के कारण तमिलनाडु बोर्ड द्वारा पास किए गए थे।
मदुरै के एक सरकारी स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र सुजीत सोमनाथन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैं चिंतित हूं, क्योंकि मेरे पास दिखाने के लिए 10वीं के कोई अंक नहीं है, जो जेईई में आवेदन करने के लिए अनिवार्य है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने हमें बताया है कि इस मामले को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के साथ उठाया गया है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। मैं वास्तव में चिंतित हूं।
उन्होंने आगे कहा, पर्सनल डिटेल्स दर्ज करने के बाद, 10वीं कक्षा के अंक अनिवार्य हैं और हम आवेदन में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं और इसलिए हम वास्तव में चिंतित हैं।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लगभग 40,000 छात्र तमिलनाडु से जेईई के लिए आवेदन करते हैं और जिन छात्रों ने 10वीं कक्षा के लिए तमिलनाडु राज्य बोर्ड परीक्षा दी है, उनको दसवीं में कोई अंक नहीं दिए गए है, जो कि जेईई में आवेदन करने के लिए एक अनिवार्य मानदंड है।
जेईई के लिए रजिस्ट्रेशन 12 दिसंबर से शुरू हुआ था और 12 जनवरी तक चलेगा।
चेन्नई के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रामकुमार टी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हमने तब सरकार से अनुरोध किया था कि छात्रों को 9वीं कक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएं, लेकिन उन्होंने कोई अंक नहीं दिया। इससे जेईई के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को परेशानी हो रही है।
तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी ने आईएएनएस को बताया कि तमिलनाडु सरकार पहले ही इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठा चुकी है और इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा आयुक्त, के. नन्थाकुमार ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से संपर्क किया है, जो टेस्ट पेपर आयोजित करती है, और कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
–आईएएनएस
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