जबलपुर. तापमान विगत एक सप्ताह से 4 से 6 डिग्री के बीच झूल रहा है. तापमान में गिरावट के साथ बच्चों में कोल्ड डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है. डॉक्टरों व अस्पतालों में मरीजों को तांता लगा हुआ है. कोल्ड डायरिया एक संक्रामक बीमारी है,जो दूसरों को प्रभावित करती है.
सीएमएचओ संजय मिश्रा से बताया कि ठंड के बढ़ोतरी होने के साथ ही बच्चों में कोल्ड डायरिया तेजी से फैल रहा है. ठंड के मौसम में कोल्ड डायरिया बच्चों को सबसे ज्यादा फैलता है. जिसके कारण इससे पीड़ित बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
बदलते मौसम का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर होता है. सर्दियों में बच्चों की देखभाल का ध्यान रखकर कोल्ड डायरिया से बचाया जा सकता है. ठंड के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से बच्चे कोल्ड डायरिया के शिकार हो जाते हैं.
उन्होने बताया कि यह अन्य बीमारियों जैसा है. कोल्ड डायरिया सबसे अधिक 6 माह से 5 साल के बच्चों में होता है. सर्दी-जुकाम के साथ डायरिया होने के कारण इसे कोल्ड डायरिया कहा जाता है. सर्दी के मौसम में होने वाली यह बीमारी बच्चों कमजोर हो जाते है,जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
उन्होंने बताया कि कोल्ड डायरिया में बच्चों को एंटीबायोटिक दवाइयां नहीं देनी चाहिए. वायरल में एंटीबायोटिक दवा देने से बच्चे के शरीर में रेजिस्टेंस डेवलप हो जाता है. बच्चों को ओआरएस और जिंक का घोल दें और बार-बार पानी पिलाते रहें.बच्चों को रोटावायरस का वैक्सीन लगवाएं. बच्चों के हाथों और शरीर की साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें.