पेशावर, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के एक शीर्ष राजनयिक ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक अमीरात या तालिबान प्रशासन ने पहले ही एक फतवा जारी कर दिया है कि पाकिस्तान में हमले करना “जिहाद” (पवित्र युद्ध) नहीं है।
पेशावर में अफगान वाणिज्य दूतावास के कार्यवाहक महावाणिज्यदूत हाफिज मोहिबुल्लाह शाकिर ने जियो न्यूज को बताया कि पड़ोसी देश के रक्षा मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान पर हमला करना जिहाद के अंतर्गत नहीं आता है।
जियो न्यूज के साथ अपनी बातचीत में शाकिर ने कहा कि टीटीपी आतंकवादी पूर्व अमेरिका समर्थित अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यकाल – 2014-2021 के दौरान अफगानिस्तान में चले गए थे। उन्हें तालिबान ने उखाड़ फेंका था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, राजनयिक ने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं : अफगानिस्तान से पाकिस्तान पर कोई हमला नहीं किया जाएगा।”
पाकिस्तानी सरकार ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों के पास अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह हैं और पड़ोसी देश की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए किया जा रहा है।
2021 में अफगान तालिबान द्वारा सरकार की बागडोर संभालने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है और 2023 आठ वर्षों में सबसे घातक रहा है, इसके समापन में कई महीने बचे होने के बावजूद, अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अफगान नागरिक सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल थे।
अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि आसिफ दुर्रानी ने कहा कि सीमा पर पाकिस्तान पर प्रतिबंधित टीटीपी के हमले बढ़ गए हैं और वे अफगानिस्तान की धरती पर शरण ले रहे हैं।
कार्रवाई करने के पाकिस्तान के बार-बार आग्रह के जवाब में अंतरिम अफगान शासकों ने पाकिस्तान के खिलाफ हमलों में शामिल 200 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, जैसा कि वॉयस ऑफ अमेरिका ने पिछले महीने रिपोर्ट किया था, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों ने विकास की जानकारी दी थी।
–आईएएनएस
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