बीजिंग, 19 मई (आईएएनएस)। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित तिब्बती याक संग्रहालय की स्थापना की 10वीं वर्षगांठ मनाई गई। यह चीन का एकमात्र याक-थीम वाला संग्रहालय है।
तिब्बती याक संग्रहालय के संस्थापक, मानद संग्रहाध्यक्ष वू य्वीछू ने परिचय देते हुए कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित अधिक वस्तुएं स्थानीय तिब्बती लोगों द्वारा भेंट की गई हैं। साल 2014 में, जब यह खुला, तब याक संग्रहालय में हजारों संग्रह थे।
पिछले दस वर्षों में, लोगों ने यहां संग्रह दान किया है। तिब्बती याक संग्रहालय में कुल 4 प्रदर्शनी भवन हैं, और इसके संग्रह पठार के इतिहास और संस्कृति, पशुपालन संस्कृति, कलाकृति संस्कृति, पारिस्थितिक संस्कृति, संगीत, नृत्य आदि कलाओं और संस्कृति की व्याख्या करते हैं। इस संग्रहालय के एक प्रदर्शनी भवन में दीवार पर 152 याक की खोपड़ियां लटकी हुई हैं, जो बहुत शानदार हैं।
वू य्वीछू के मुताबिक, याक की ये खोपड़ियां उनके पिछले मालिकों द्वारा भेजी गई थीं। संग्रहालय ने इन याक की खोपड़ियों का कोड के रूप में विवरण लिखा है। उन विवरण में याक के मालिक का नाम, याक का नाम और लिंग, याक के परिवार का निवास स्थान, समुद्र सतह की ऊंचाई, जीवन भर में दूध और मक्खन का उत्पादन आदि सूचनाएं शामिल हैं।
तिब्बती याक संग्रहालय के पूरा होने के बाद, याक संस्कृति के प्रसार का अवसर मिला है। इसे पेइचिंग, क्वांगचो, नानचिंग, हांगचो आदि कई शहरों में प्रदर्शित किया गया है।
वू य्वीछू ने कहा कि याक के मांस, रक्त, दूध, त्वचा, बाल, हड्डियां, गोबर आदि ने तिब्बती पठार के लोगों के कपड़े, भोजन, आश्रय, यात्रा, परिवहन, ईंधन और खेती को संभव बनाया है। याक संस्कृति छिंगहाई-तिब्बत पठार के मेहनती लोगों द्वारा बनाई गई थी और यह पठार का एक प्रतीक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस