deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home अंतरराष्ट्रीय

तिब्बत के चिलोंग पोर्ट ने कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया

by
April 3, 2023
in अंतरराष्ट्रीय
0
तिब्बत के चिलोंग पोर्ट ने कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

READ ALSO

आज का इतिहास

ट्रंप: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा इंटरव्यू पर अस्थायी रोक

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

ADVERTISEMENT

बीजिंग, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 अप्रैल को चीन और नेपाल के बीच सबसे बड़े भूमि व्यापार बंदरगाहों में से एक चिलोंग पोर्ट ने द्विपक्षीय कर्मियों का आदान-प्रदान फिर से शुरू किया। इसके साथ साथ चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

पिछले साल 28 दिसंबर को चिलोंग पोर्ट ने दो-तरफा कार्गो परिवहन फिर से शुरू किया। नेपाल को 41 करोड़ 30 लाख युआन के 9,800 टन माल का निर्यात किया गया और 1 करोड़ 70 लाख युआन के 600 टन माल का आयात किया गया। बंदरगाह पर कर्मियों के आदान-प्रदान की बहाली के साथ, चिलोंग पोर्ट ने अपने यात्री और कार्गो व्यवसाय को पूरी तरह से फिर से शुरू कर दिया है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो ने कहा कि अगला कदम धीरे-धीरे पुलेन पोर्ट पर कर्मियों के आदान-प्रदान और चांगमू पोर्ट पर दो तरफा व्यापार को फिर से शुरू करना, लिजी पोर्ट के खुलेपन को बढ़ाना, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र के निर्माण को तेज करना, चीन-नेपाल आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार करना है। ताकि चीन-नेपाल सहयोग के लिए और व्यापक अवसर प्रदान किया जा सके और इसमें मजबूत शक्ति लगायी जा सके।

गौरतलब है कि दिसंबर 2014 में, चिलोंग द्विपक्षीय पोर्ट खोला गया। 2017 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह में अपग्रेड किया गया, जो चीन और नेपाल के अलावा बाहरी देशों के लोगों के लिए भी खुला। मार्च 2022 में, चिलोंग सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो तिब्बत में पहला राज्य-स्तरीय सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बन गया।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

–आईएएनएस

एएनएम

Related Posts

आज का डृातंहास
अंतरराष्ट्रीय

आज का इतिहास

May 28, 2025
ट्रंप, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा इंटरव्यू पर अस्थायी रोक
अंतरराष्ट्रीय

ट्रंप: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा इंटरव्यू पर अस्थायी रोक

May 28, 2025
पीएम मोदी से पाकिस्तानी नेता की भावुक अपील
अंतरराष्ट्रीय

‘हमें बचा लीजिए’… पीएम मोदी से पाकिस्तानी नेता की भावुक अपील, मुहाजिरों के लिए मांगा समर्थन

May 28, 2025
यूक्रेन युद्ध, पुतिन ने ट्रंप को दी तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन युद्ध: ट्रंप-पुतिन आमने-सामने, रूस ने दी तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी

May 28, 2025
स्पेसएक्स का रॉकेट स्टारशिप लॉन्च क्रैश
अंतरराष्ट्रीय

स्पेसएक्स का अब तक का सबसे ताकतवर रॉकेट ‘स्टारशिप’ लॉन्च के बाद क्रैश

May 28, 2025
कनिमोझी का प्रतिनिधिमंडल ग्रीस पहुंचा, आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर करेगा बात
अंतरराष्ट्रीय

कनिमोझी का प्रतिनिधिमंडल ग्रीस पहुंचा, आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर करेगा बात

May 28, 2025
Next Post
पारंपरिक चीनी चिकित्सा संसाधनों की चौथी राष्ट्रीय गणना में 196 नई प्रजातियों की खोज

पारंपरिक चीनी चिकित्सा संसाधनों की चौथी राष्ट्रीय गणना में 196 नई प्रजातियों की खोज

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

अमेरिका में कोविड के मामले 100 मिलियन के पार : जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी

December 21, 2022

बेंगलुरु में आयोजित रन फॉर यूनिटी में दौड़े दिग्गज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले लौह पुरुष सबके आदर्श

October 29, 2024

ऐतिहासिक ओलंपिक गोल्ड मेडल पर पाकिस्तान में अरशद नदीम के घर मनाया गया जश्न

August 9, 2024
दर्शन के लिए बद्रीनाथ धाम पहुंचे फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार

दर्शन के लिए बद्रीनाथ धाम पहुंचे फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार

May 28, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

082723
Total views : 5882320
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications