बीजिंग, 9 जून (आईएएनएस)। चीन में 8 जून को ‘सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत दिवस’ मनाया गया। तिब्बत में कई स्थलों पर इस दिवस को मनाने के लिए रंगारंग ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियां आयोजित की गईं।
हाल के वर्षों में, तिब्बत में विभिन्न स्तरों पर सांस्कृतिक विभागों ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए लगातार काम किया है। परिणामस्वरूप, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के लिए सूची प्रणाली में लगातार सुधार हुआ है, संबंधित नीतियों व नियमावलियों को धीरे-धीरे बढ़ाया गया है और संरक्षण के तरीके अधिक विविध हो गए हैं, जिससे ग्रामीण पुनरुद्धार में योगदान मिला है।
आंकड़ों के अनुसार, तिब्बत ने चार-स्तरीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची प्रणाली लागू की है, जिसमें अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की 10 श्रेणियां शामिल हैं। तिब्बती ओपेरा, गेसर और तिब्बती औषधीय स्नान विधियों को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को प्रतिनिधि सूची में सफलतापूर्वक जोड़ा गया है। विभिन्न स्तरों पर अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की 2,760 प्रतिनिधि परियोजनाएं हैं, जिनमें विभिन्न स्तरों पर अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के 1,668 प्रतिनिधि उत्तराधिकारी हैं।
तिब्बत के संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो के सांस्कृतिक विरासत विभाग के प्रमुख के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत कौशल स्थानीय लोगों के उत्पादन और जीवन में तेजी से एकीकृत हो रहे हैं। यह एकीकरण न केवल आम लोगों को अपनी आय बढ़ाने और समृद्ध बनने में मदद करता है, बल्कि एक क्षेत्रीय सांस्कृतिक पारिस्थितिक घटना में भी योगदान देता है, जो तिब्बत में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में नई जीवन शक्ति का संचार करता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तिब्बत में 173 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत कार्यशालाएं स्थापित की गई हैं। इस पहल ने 2,324 लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर और 5,738 व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा करके सीधे प्रभावित किया है। इन व्यक्तियों की औसत वार्षिक आय 37,000 युआन से अधिक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस