नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। अगले हफ्ते शेयर बाजार की चाल एफआईआई की गतिविधियों, वैश्विक तनाव, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजों और घरेलू एवं वैश्विक आंकड़ों पर निर्भर करेगी। यह जानकारी एक्सपर्ट्स की ओर से दी गई।
पिछले हफ्ते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। निफ्टी 50 इंडेक्स 2.71 प्रतिशत गिरकर 24,180 और सेंसेक्स 2.24 प्रतिशत गिरकर 79,402 पर बंद हुआ।
गिरावट के कारण बाजार के सभी सेक्टरों में मुनाफावसूली देखी गई। इसकी वजह घरेलू और विदेशी निवेशकों की ओर से की जा रही बिकवाली, कमजोर तिमाही नतीजों और कंपनी के मार्जिन में आई कमी को माना जा रहा है।
अक्टूबर की शुरुआत से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से करीब एक लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की गई है और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने इस दौरान बाजार में 97,000 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी में निवेश किया है।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि एनएसई बेंचमार्क ने हेड एंड सोल्डर पैटर्न का ब्रेक डाउन दे दिया है और यह 200 दिन के मूविंग एवरेज 23,400 के आसपास चल रहा है। इसका सपोर्ट 24,000 से लेकर 23,900 के बीच है। वहीं, रुकावट का स्तर 24,600 से लेकर 24,700 के बीच है। तेजी की स्थिति में 25,000 एक मजबूत रुकावट का स्तर होगा।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज की डायरेक्टर पल्का अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि बैंक निफ्टी में अपने ऑल-टाइम हाई से 7.5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है और हफ्ते 2.51 प्रतिशत गिरा है और 51,000 के नीचे बंद हुआ है, जो दिखाता है कि इसमें दबाव देखा जा रहा है। गिरावट की वजह कोटक महिंद्रा बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक और कोटक महिंद्र बैंक द्वारा खराब नतीजे पेश करना था।
आगे कहा कि बैंक निफ्टी में अब मजबूत सपोर्ट 50,200 है और अगर यह इसे तोड़ता है तो 49,600 तक जा सकता है।
–आईएएनएस
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