लखनऊ, 1 जनवरी (आईएएनएस)। आमतौर पर नेता रंग बदलने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में रंग बदलने वाली राजनीतिक पार्टी है। किन्हीं अज्ञात कारणों से कांग्रेस नेताओं को कई अवसरों पर विभिन्न रंगों के गमछा और अंगवस्त्र पहने देखा गया है। ऐसा लगता है कि उन्होंने दशकों से कांग्रेस की पहचान रहे पार्टी के तिरंगे अंगवस्त्र को त्याग दिया है।
यूपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में एक प्रदर्शन में पार्टी के सभी नेताओं को गहरे नीले रंग का गमछा ओढ़े देखा गया। गौरतलब है कि नीले रंग की छाया जो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का आधिकारिक रंग है।
अभी हाल ही में यूपीसीसी के जोनल अध्यक्ष नकुल दुबे और पार्टी के अन्य नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गहरे हरे रंग का अंगवस्त्र पहना था। हरा रंग समाजवादी पार्टी का आधिकारिक रंग है।
पार्टी के एक नेता ने कहा, यह रंग परिवर्तन पार्टी के मिजाज और उसके अनिर्णय को दर्शाता है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी पहचान खो रही है और हमारे नए नेता कहीं और शरण के लिए टटोल रहे हैं। उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि इससे लोगों में गलत संदेश जाता है।
हालांकि नई टीम के एक सदस्य ने रंग चिकित्सा के हिस्से के रूप में बदलते रंगों का बचाव किया।
उन्होंने कहा, हमारे नेता सप्ताह के दिनों के अनुसार रंग धारण करते हैं। बुधवार को हरा, शनिवार को नीला आदि। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।
एक अन्य नेता ने जानना चाहा कि क्या नेता भी मंगलवार को नारंगी रंग के कपड़े पहनेंगे।
नेता ने कहा, अब जबकि रंगों का राजनीतिक झुकाव हो गया है, हमारे नेताओं को पता होना चाहिए कि क्या पहनना है। इससे पता चलता है कि वे पार्टी और उसके भविष्य के प्रति कितने गंभीर नहीं हैं।
पार्टी के एक दिग्गज नेता ने भी रंग बदलने की प्रवृत्ति की निंदा की और कहा, रंग बदले से कुछ नहीं होगा, ढंग बदलना चाहिए। उन्हें रंग नहीं, बल्कि अपनी कार्यशैली और व्यवहार बदलना होगा, अगर वे वास्तव में कांग्रेस चाहते हैं।
–आईएएनएस
सीबीटी