नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट रूम में एक मर्डर सस्पेट की हत्या पर एनएचआरसी के आदेश को पुलिस ने चुनौती दी है।
तिहाड़ जेल के संदिग्ध कैदी शाहनवाज अंसारी की 17 दिसंबर 2019 को यूपी के बिजनौर जिले के एक कोर्टरूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके लिए एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस की जम कर आलोचना की थी और इसे पुलिस की लापरवाही बताया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया और एनएचआरसी के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसके तहत दिल्ली पुलिस को मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी को कोर्ट ले जाने वाले उनके कर्मी निहत्थे थे। कोर्टरूम के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस पर थी।
कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस को मामले में प्रतिवादी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उस सुरक्षा चूक की आगे की जांच करने की मांग की है, जिसके कारण अदालती कार्यवाही के बीच कैदी शाहनवाज अंसारी की हत्या की गई थी। सूत्रों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।