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Home ताज़ा समाचार

तीसरे दिन का खेल न होने पर ग्रीन पार्क के खराब ड्रेनेज सिस्टम पर उठा सवाल

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September 29, 2024
in ताज़ा समाचार
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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

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उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

एएस/

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

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दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

एएस/

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

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दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

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दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

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कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

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मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

एएस/

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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कानपुर, 29 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। हालांकि सुबह बारिश नहीं हुई और बाद में दिन में तेज धूप निकली थी। लेकिन ग्रीन पार्क स्टेडियम में गीला मैदान होने के कारण खेल नहीं हो सका।

दोनों टीमों के खिलाड़ी होटल में ही रुके रहे और मैदान पर तीन बार निरीक्षण किया गया, लेकिन खेल नहीं हुआ। इससे पहले बारिश की वजह से दो दिन का खेल पहले ही बर्बाद हो चुका था।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में था। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि मैच अधिकारियों के रुख से उन्हें कुछ उलझन हुई।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन बार का समय दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि असल में दिक्कत क्या है। कौन सा हिस्सा गीला है, या क्या समस्या है। मैंने उन्हें बताया कि आप खेल शुरू कर सकते हैं, अगर कोई चिंता है तो मुझे बताएं।”

मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन खासकर पवेलियन ‘सी’ के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र में गीले धब्बों से वह संतुष्ट नहीं थे।

दोपहर 2 बजे के निरीक्षण से पहले, एक सीनियर ग्राउंड अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक धूप से सूखे, लेकिन गीले हिस्से के बारे में उन्होंने स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ग्राउंड अधिकारी ने कहा, “मैच अधिकारियों ने हमें बताया कि जब तक धूप से मैदान नहीं सूखता, खेल शुरू नहीं हो सकता। पिच और मैदान का बाकी हिस्सा सही है, लेकिन कुछ हिस्सों को लेकर चिंता है। अगर वे धूप का इंतजार करना चाहते हैं, तो उन्हें निरीक्षण का समय 1 बजे देना चाहिए था। इससे उस क्षेत्र को एक घंटे में सूखने का समय मिल जाता। हमने पहले ही दो सत्र गंवा दिए हैं, और अगर अगला निरीक्षण 2 बजे होता है, तो हमें मैच रद्द करना पड़ेगा।”

राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए दर्शकों ने भी ग्रीन पार्क स्टेडियम की खराब सुविधाओं पर नाराजगी जताई।

फतेहपुर से आए एक दर्शक ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लग रहा है। ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और तीन साल बाद हमें यहां टेस्ट मैच देखने का मौका मिला। खेल को पूरे पांच दिन तक चलना चाहिए था, लेकिन इसमें यूपीसीए और मैच आयोजकों की गलती है। वे इसकी सही देखभाल नहीं कर रहे हैं। हम लोग राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आकर पैसा खर्च करके मैच देखने आते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है।”

कानपुर के एक और दर्शक ने कहा, “ग्रीन पार्क को मैच मिलने ही नहीं चाहिए। यहां सब गड़बड़ चल रहा है। माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे सब कुछ बढ़िया है, लेकिन जब सही धूप निकल रही थी, तब भी मैच नहीं हो पाया। ग्रीन पार्क में अब मैच नहीं होना चाहिए। मैं लखनऊ या वाराणसी जाकर मैच देखने के लिए खुश हूं, लेकिन यहां नहीं।”

इस देरी ने स्टेडियम के खराब ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारियों पर आलोचना हो रही है। मालूम हो कि मैच में अब तक केवल 35 ओवर ही खेले गए हैं, जिसमें बांग्लादेश ने 3 विकेट के नुकसान पर 107 रन बनाए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या सामने आई है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गईं, जब खराब आउटफील्ड के कारण बिना एक गेंद डाले ही मैच रद्द कर दिया गया था।

मैच से पहले, वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने भरोसा दिलाया था कि “हम ग्रीन पार्क स्टेडियम में पांच दिन का मैच सुनिश्चित करेंगे और हमने हर चीज की तैयारी कर ली है। अगर बारिश भी होती है, तो हम एक-दो घंटे के अंदर खेल शुरू कर देंगे।”

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से हाथ धो सकता है, जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।

–आईएएनएस

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