अंकारा, 24 जनवरी (आईएएनएस)। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने स्वीडन को चेतावनी दी है कि स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाने के बाद उसे नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
एर्दोगन ने सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जो लोग स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने इस तरह के घृणित कृत्यों की अनुमति देते हैं, वे हमसे नाटो सदस्यता पर अच्छी खबर की उम्मीद नहीं कर सकते।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा कि किसी भी व्यक्ति को मुसलमानों या अन्य धर्मों की आस्था का अपमान करने की आजादी नहीं है।
शनिवार को डेनमार्क की धुर-दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी हार्ड लाइन के नेता रैसमस पलुदन द्वारा कुरान की एक प्रति जलाने की घटना ऐसे समय में हुई जब स्वीडन, फिनलैंड के साथ नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की का समर्थन मांग रहा है।
इस प्रस्ताव को तुर्की सरकार द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है, जिसने स्वीडन और फिनलैंड पर तुर्की विरोधी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
नॉर्डिक राज्यों ने आतंकवाद के खिलाफ तुर्की की लड़ाई का समर्थन करने का वचन दिया है और संदिग्ध आतंकवादियों को अंकारा के लंबित निर्वासन या प्रत्यर्पण अनुरोधों पर विचार करने पर सहमत हुए हैं। लेकिन तुर्की की संसद ने अभी तक फिनलैंड व स्वीडन की नाटो की सदस्यता का समर्थन नहीं किया है।
–आईएएनएस
सीबीटी
अंकारा, 24 जनवरी (आईएएनएस)। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने स्वीडन को चेतावनी दी है कि स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाने के बाद उसे नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
एर्दोगन ने सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जो लोग स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने इस तरह के घृणित कृत्यों की अनुमति देते हैं, वे हमसे नाटो सदस्यता पर अच्छी खबर की उम्मीद नहीं कर सकते।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा कि किसी भी व्यक्ति को मुसलमानों या अन्य धर्मों की आस्था का अपमान करने की आजादी नहीं है।
शनिवार को डेनमार्क की धुर-दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी हार्ड लाइन के नेता रैसमस पलुदन द्वारा कुरान की एक प्रति जलाने की घटना ऐसे समय में हुई जब स्वीडन, फिनलैंड के साथ नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की का समर्थन मांग रहा है।
इस प्रस्ताव को तुर्की सरकार द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है, जिसने स्वीडन और फिनलैंड पर तुर्की विरोधी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
नॉर्डिक राज्यों ने आतंकवाद के खिलाफ तुर्की की लड़ाई का समर्थन करने का वचन दिया है और संदिग्ध आतंकवादियों को अंकारा के लंबित निर्वासन या प्रत्यर्पण अनुरोधों पर विचार करने पर सहमत हुए हैं। लेकिन तुर्की की संसद ने अभी तक फिनलैंड व स्वीडन की नाटो की सदस्यता का समर्थन नहीं किया है।
–आईएएनएस
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