नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने तुलनात्मक विज्ञापन की सीमाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि जहां एक प्रतिस्पर्धी उत्पाद को प्रदर्शित करने की अनुमति है, वहीं प्रतिद्वंद्वी के उत्पाद को बदनाम करना या उसका अपमान करना अस्वीकार्य है।
न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने अपने स्वयं के सामान की श्रेष्ठता को उजागर करने और प्रतिस्पर्धी के उत्पाद की हीनता का दावा करने के बीच एक सूक्ष्म अंतर बनाए रखने के महत्व पर बल दिया।
अदालत ने कहा कि कोई विज्ञापन यह दावा नहीं कर सकता कि प्रतिस्पर्धी का सामान खराब, अवांछनीय या घटिया है।
ये टिप्पणियां उस मामले में आईं, जहां रेकिट बेंकिजर प्राइवेट लिमिटेड ने अपने संतूर हैंडवाश के लिए विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के विज्ञापन के खिलाफ विज्ञापन अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की, जिसमें आरोप लगाया गया कि इसने उनके उत्पाद डेटॉल हैंडवॉश का अपमान किया।
हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए रेकिट बेंकिजर की याचिका को खारिज कर दिया कि विवादित विज्ञापन डेटॉल या किसी अन्य हैंड वाश को कमतर नहीं आंकता।
अदालत ने कहा, अनुमेय दावे की सीमा के भीतर, तुलनात्मक विज्ञापन अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत वाणिज्यिक भाषण के रूप में संरक्षित है। तुलनात्मक विज्ञापन में एक निश्चित मात्रा में असमानता निहित है।
विज्ञापन को फ्रेम दर फ्रेम के बजाय पूरे विज्ञापन पर विचार करने की जरूरत पर रोशनी डालते हुए अदालत ने तर्क दिया कि जब एक विज्ञापनदाता किसी उत्पाद का प्रचार करते समय एक प्रतिकूल तुलना कर सकता है, तो यह आवश्यक रूप से समग्र कहानी, संदेश या परिणाम को प्रतिकूल तुलना में प्रभावित नहीं करता है।
न्यायमूर्ति शंकर ने स्पष्ट किया, विज्ञापन को एक सामान्य दर्शक के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए, बिना किसी अपमान की पहचान करने के विशिष्ट इरादे के। विज्ञापन में इस्तेमाल किए गए शब्दों को उनके प्राकृतिक, सामान्य और सामान्य अर्थो में समझा जाना चाहिए।
अदालत ने आगे कहा कि जनता से विज्ञापित उत्पाद को दूसरों के ऊपर चुनने का आग्रह करना कानून में आपत्तिजनक नहीं है, जब तक कि ऐसा कोई संदेश नहीं है जो प्रतिद्वंद्वी उत्पाद को नापसंद या बदनाम करता हो।
अदालत ने कहा, उचित और सही सोच वाला दर्शक, यदि वह विवादित विज्ञापन को डेटॉल या किसी अन्य हैंडवाश के स्थान पर देखने के बाद संतूर आजमाना चाहता है, जो वह पहले इस्तेमाल कर रहा था, तो वह ऐसा नहीं करेगा, क्योंकि विवादित विज्ञापन अन्य हैंडवाश को बेकार बताते हुए बदनाम करता है। मॉइस्चराइजिंग या नरम करने की क्षमता, लेकिन क्योंकि संतूर में चंदन होता है और चंदन मॉइस्चराइज करता है।
अदालत ने कहा, इन दो छापों के बीच बहुत अंतर है। पहला अपमान करता है, दूसरा नहीं करता। मेरी राय में विवादित विज्ञापन लक्ष्मणरेखा के इस तरफ है, न कि उस तरफ।
–आईएएनएस
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