कोलकाता, 3 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुवेंदु अधिकारी ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) से तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है।
चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में अधिकारी ने अपनी मांग के पक्ष कई दलीलें दीं।
उनके अनुसार, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए किसी पार्टी के पास कम से कम तीन राज्यों में कुल लोकसभा सीटों का दो प्रतिशत होना आवश्यक है। टीएमसी के पास आवश्यक 11 से अधिक लोकसभा सांसद हैं, लेकिन वे सभी एक राज्य, पश्चिम बंगाल से हैं। इसलिए, यह मानदंड पूरा नहीं किया जा रहा है, क्योंकि सांसदों की आवश्यक संख्या कम से कम तीन राज्यों से नहीं, एक से है।
इसके अलावा, पार्टी के पास किसी भी चार या अधिक राज्यों में कुल वैध मतों का छह प्रतिशत होना चाहिए, इसमें प्रत्येक राज्य के कम से कम दो विधायक हों। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की इस कसौटी पर खरी नहीं उतरती।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल के अलावा तीन राज्यों में चुनाव लड़ा। इन राज्यों में बिना किसी विधायक के गोवा में उसका वोट प्रतिशत 5.2 प्रतिशत, त्रिपुरा में एक भी विधायक के बिना 0.88 प्रतिशत और पांच विधायकों वाले मेघालय में 13.78 प्रतिशत है।
इसलिए यह केवल पश्चिम बंगाल और मेघालय में न्यूनतम छह प्रतिशत वोट और न्यूनतम दो विधायकों की आवश्यकता को सुरक्षित कर सकी।
पत्र में, उन्होंने कहा कि ईसीआई ने पहले ही तृणमूल कांग्रेस को नोटिस देकर पूछा है कि इसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता क्यों दी जानी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने 2024 तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा जारी रखने का अनुरोध किया है। निर्णय लंबित प्रतीत होता है। मेरी राय में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति को खत्म कर देना चाहिए।
–आईएएनएस
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